साउथ इंडियन सिनेमा का बड़ा शौकीन हूँ मैं… आप में से भी बहुत कोई होंगे… मैं लगभग हर रोज एक सिनेमा देख ही लेता हूँ… नए-नए एक्टर्स निःसंदेह बहुत ही अच्छी एक्टिंग कर रहे हैं और एंटरटेन भी. मैं इन्जॉय तो करता ही करता हूँ लेकिन लोकेशन्स, साइट,डायलॉग और एक्टिविटी पर भी बहुत ज्यादा ध्यान देता हूँ.
अभी जो नई मूवीज़ आ रही हैं उसमें जरा गौर करियेगा. चर्च के इर्द गिर्द घूमती मूवी. मन्दिर की तरफ से चर्च की ओर शिफ्टिंग होती सिनेमा और जेनरेशन भी. साउथ में मिशनरीज एक्टिविटी पर तो नज़रें रहती ही रहती है, लेकिन अब इनके परिणाम सामने आ रहे हैं. सिनेमा तो खैर कारगर माध्यम है ही एक अलग माइंडसेट बनाने में, उसका वो बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं हर तरीके से. जरा गौर करियेगा.
खैर, ईसाई और मिशनरीज का गुण गाते थकते नहीं इंडिया यहाँ तक कि भारत के भी लोग. सबसे अमनपसंद और शांतिप्रिय कौम… इंडिया की बहुत सेवा की है. भरपूर की है. हर क्षेत्र में की है.
जितना वे कुछ नहीं बोलते उतना तो अपने ही जमात वाले गाल फुला-फुला के बखान करना शुरू कर देते. अपने झारखंड में भी क्या कहने. .. और इन बखानों से ये मालूम पड़ता कि ‘हलेलुइया’ जैसा कोई नहीं.. इनके जैसा शांतिप्रिय कोई दूजा नहीं! .. मने इनसे हिन्दू और भारत को कोई ख़तरा नहीं. ..
इसलिए ये जो भी करें वो बिंदास करे.. कभी भी लाइम लाइट में नहीं आयेगा… हाँ वहीं अगर एक सुई के बराबर भी इनके ऊपर खरोंच आई और मामला कोई हिन्दू संगठन तक पहुँचा तो सारा मीडिया उस सुई को हार का फार बनाकर दिखाने और साबित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं. .. और हम हिन्दू संगठनों को जमकर लताड़ना शुरू कर देते है.
पिछले कुछ दिनों से तमिलनाडु में बहुत कुछ घटित हो रहा है कुछ पता चल पा रहा है? क्यों नहीं चल पा रहा है? और पिछले कुछ दिनों से ही क्यों बल्कि पिछले कई वर्षों से बहुत कुछ हो रहा हैं लेकिन कानों तक खबर नहीं पहुँचती है और न तव्वजो दी जाती है.
चलो हम बताते हैं कुछ खबर…
भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक गिने जाने वाले मीनाक्षी मन्दिर में 3 फरवरी को बहुत ही भयंकर आग लग गई जिससे भारी नुकसान हुआ है… इतना नुकसान हुआ कि इसका पूर्वी एंट्रेंस की बंद कर दिया गया है…
इस आग में बहुत सारे पुराने शिलालेख को नुकसान हुआ है और कई ग्रंथ भी जल के खाक हो गए हैं. .. आग क्यों लगी, कैसे लगी इसके ऊपर कोई जाँच न किया गया.. न टीम गठित की गई.. बल्कि इसे गोल मटोल कर देना ही उचित समझा जा रहा है और मामले को दबाया जा रहा है.
अब ये तो हुआ ही.. इसके दो दिन बाद क्या होता है कि..
मदुरई के प्रसिद्ध शिव मंदिर कोलायर कोविल और शिवगंगा में सुबह तड़के बहुत सारे हलेलुइया ग्रुप मंदिर में घुस कर ‘यीशु गान’ शुरू कर दिए.. और मन्दिर में पूजा करने को आये हिन्दू श्रद्धालुओं को मन्दिर परिसर में घुसने से रोकने लगे…
इस तरह की प्रतिक्रिया से सभी श्रद्धालु आश्चर्यचकित और अचंभित हो गए.. पुलिस को फोन लगाया गया और लोकल हिन्दू ग्रुप ‘हिन्दू मक्काल काची’ को भी सूचित किया गया जो हिन्दू हित और सुरक्षा के लिए काम करती है. ..
जब ग्रुप के लोग और पुलिस वाले मंदिर परिसर में आये और इन हलेलुइया लोगों से एक्सप्लेनेशन मांगने लगे तो ये डोकुमेंट उपलब्ध करा पाने में असक्षम नजर आने लगे, तब इन्हें मन्दिर खाली करने को बोला जाने लगा..
तब इन हलेलुइया वालों ने उल्टा ही हिन्दू मक्काल काची वालों पे ही केस ठोकने की बात कहने लगे.. जुबानी वार शुरू हो गई.. और आलम ये रहा कि पुलिस ने उल्टा 11 हिन्दू मक्काल काची के मेम्बर्स को अरेस्ट कर लिया और बुरी तरह से पिटाई भी किया.. और इन्हें अब पब्लिकली कहीं भी कुछ भी बोलने से मना किया गया है.
सेम डे अन्य दो मंदिरों में भी एक साथ हलेलुइया ग्रुप्स घुस के ‘यीशु आराधना’ शुरू कर दिए… और मन्दिरों पे अपना कब्जा जमाने की कोशिश और चर्च बनाने के कयावद. .. और आज से ये नहीं हो रहा बल्कि पिछले कई वर्षों से ये कोशिश की जा रही है लेकिन हालिया में ऐसी घटनाओं में बढ़ोतरी होते जा रही है. . इसमें न तो लोकल विधायक, सांसद ही कुछ बोल पाते हैं वोटबैंक के चलते और न मीडिया.
हम तो पहले से ही कहते आ रहे कि जोल्हों से ज्यादा खतरनाक ये हलेलुइया वाले हैं… साइलेंट उड़ीस हैं ये… नार्थ-ईस्ट, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, साउथ.. हर जगह हालत देख पा रहे हैं… आपके दुश्मन बढ़ते ही जा रहे हैं.. लेकिन हम दिनों दिन सेक्युलेरिज़्म की पराकाष्ठा को प्राप्त करते जा रहे हैं..
उदारपने की हालत कुछ ऐसी कि तुम मेरी मार लो कायदे से, हम उफ्फ तक न करेंगे.
बस ऐसे ही देखते रहो.. कुछ दिनों में हाथ उठाते नजर आओगे या गिर डांग उठाते हुए.