- मनमोहन शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
वर्ष 1977 के मार्च महीने में हुए लोकसभा चुनाव में जनता लहर ने इंदिरा गांधी की कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया कर दिया.
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जनता पार्टी की इस जीत के उपलक्ष्य में दिल्ली के रामलीला मैदान में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया.
स्टेज पर जनता पार्टी के सभी नेतागण उपस्थित थे. इनके साथ ही मंच पर विराजमान थे दिल्ली की जामा मस्जिद के तत्कालीन शाही इमाम सैयद अब्दुल्ला बुखारी.
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भाषणों का सिलसिला चल रहा था. उन दिनों शाही इमाम हवा में थे और वो यह दावा करते थे कि उनके ही प्रयासों से जनता पार्टी को यह अभूतपूर्व विजय मिली है. इमाम शेखीबाज़ थे और खुद को महिमामंडित करने के आदी.
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इमाम ने लहर में आकर कहा, “जामा मस्जिद की कृपा से ही जनता पार्टी सत्ता में आई है. अब देश का शासन जामा मस्जिद से ही चलेगा. जो कोई हमारी बात नहीं मानेगा हम उसको डंडे के ज़ोर से ठीक कर देंगे”.
इसके साथ ही इमाम ने अपने हाथ में लिया हुआ छोटा सा डंडा हवा में लहराया.
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समारोह की अध्यक्षता मोरारजी भाई देसाई कर रहे थे. इस बात को सभी लोग भलीभांति जानते हैं कि देसाई बेहद कड़क स्वभाव के व्यक्ति थे.
उनसे इमाम की यह शेखीबाज़ी सहन न हुई और उन्होंने अपनी सीट से खड़े होकर कहा, “क्या बकवास कर रहे हो? फौरन उतर जाओ स्टेज से”.
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इसके साथ ही देसाई ने इमाम का हाथ पकड़ा और उन्हें स्टेज से उतार दिया. शाही इमाम हक्के-बक्के स्टेज से नीचे खड़े नजर आ रहे थे.