हिन्दुओं को अल्पसंख्यक बनाने की साज़िश

चर्च का वो सम्मलेन जिसमें भारत को 2023 तक ईसाई देश बनाने की बात कही गयी है, कहीं विदेश में नहीं, रोम में नहीं बल्कि भारत में ही हुआ है.

जी हां, पिछले दिनों तमिलनाडु के तूतीकोरिन में चर्च सम्मलेन किया गया है जिसमें 2023 तक भारत को ईसाई देश बना देने का संकल्प लिया गया है.

चर्च का कहना है कि जल्द से जल्द भारत को ईसाई देश बनाना लक्ष्य है और 2023 तक भारत को ईसाई बहुल देश बनाकर ईसाई देश बना दिया जायेगा.

इसके लिए संकल्प लिया गया और धर्मांतरण को भी कई गुना बढ़ा देने की बात कही गयी ताकि जल्द भारत को ईसाई बहुल बनाकर ईसाई देश घोषित कर दिया जाये. इस खबर को भारतीय मीडिया ने दबा दिया.

वहीं, मुस्लिम संगठन 2050 तक भारत को मुस्लिम देश बना देने के लिए अँधाधुन्ध जनसँख्या बढाने से लेकर कई तरह के जिहाद चला रहे हैं.

उन्होंने धर्मान्तरण के अलावा विभिन्न इलाकों में अचानक जनसँख्या बढ़ाकर अन्य सनातनी धर्मावलम्बियों को भगा देने की रणनीति का सहारा लिया है.

वे भारत के कई हिस्से हड़प लेने के बाद अब घुसपैठ द्वारा भी जनसँख्यक बढ़ा रहे हैं. इस मामले कई विचित्र तरह की रणनीतियां सामने आई हैं जैसे हिन्दुओं को छोटी-छोटी जातियों में बांटकर बातें करना.

दलितों को हिन्दुओं से अलग बताकर आइसोलेट करके धर्मान्तरण को प्रोत्साहित करना. इसमें कॉन्ग्रेसी, वामी और ईसाई और मुस्लिम समान रूप से भागीदार हैं.

ओवैसी और तमाम मुस्लिम नेता और पत्रकार या लेखक हिन्दू समाज को तोड़ने के लिए कितना बेकरार है, यह जानने के लिए ओवैसी के कल का भाषण देखना चाहिए.

उन्होंने कल चौदह बार कहा कि “चार फीसदी क्षत्रियों-राजपूतों ने फिल्म को रुकवा दिया और हम मुसलमान 14 फीसदी होकर कुछ नहीं करते…”.

इस कथन के पीछे उसकी सोच समझिये. वह हिन्दुओं को हमेशा विभाजित करके ही बोलते हैं. अपने बेतुके और देशद्रोही बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर बेतुका बयान दिया है.

ओवैसी ने बीजेपी और आरएसएस पर नया बेबुनियादी आरोप लगाते हुए समाज को तोड़ने वाली बात कही है. जी हां, ओवैसी ने धर्म के नाम पर आरएसएस और बीजेपी पर एक बार फिर बेतुका बयान दिया है.

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि जहां एक तरफ बीजेपी मुस्लिम मुक्त भारत चाहती है तो वहीं दूसरी तरफ आरएसएस दलित मुक्त भारत का निर्माण करने में लगा हुआ है. ओवैसी जैसों ने मुस्लिम और दलित समुदाय को गुमराह करते हुए कहा कि आप सभी को जागना होगा.

ओवैसी जैसे नेता जो अपनी गंदी औऱ घटिया राजनीति को चमकाने के लिए समाज और देश को तोड़ने कि बात करते है. ऐसे नेता जो देश और समाज को तोड़ने की भावना रखते हैं. इन्होने देश, देश की संस्कृति, व देश के समाज को तोड़कर अपनी घटिया राजनिति को चमकाने का ज़रिया बना रखा है.

ओवैसी अब नया पैंतरा आज़माते हुए दलितों को मूर्ख बनाने की तैयारी कर रहे है. उन्होने मीम और भीम का नारा दिया है.

आपको बता दें भीम य़ानि भीम राव अम्बेडकर. भारत के सविंधान निर्माता जिन्होने भारत देश को गौरवशाली बनाने में अपना जीवन ही कुर्बान कर दिया. ऐसे महापुरुष का नाम लेकर ओवैसी अपनी गंदी राजनीति को चमकाने और दलितों को गुमराह करके गौरवशाली देश को बर्बाद करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

ओवैसी जैसे नेता जो मुस्लिम महिलाओं का जीवन बर्बाद होने से बचाने वाले ट्रिपल तलाक बिल का विरोध करते हैं. जब ऐसे मुस्लिम नेता अपने ही समाज की मुस्लिम महिलाओं के हित के बारे में नहीं सोच सकते तो वह दलितों के सुनहरे भविष्य के बारे में कैसे सोच सकते है.

इस बात पर दलितों को गौर करना चाहिए. अच्छा होगा हिन्दू नेता और पत्रकार या लेखक जब भी किसी मुस्लिम-विषय पर बोले शिया-सुन्नी या अज्काफ, अज्गाफ अशराफ में बात करे.

वहां तो पहले से ही फिरके और कबीले हैं, अहमदिया, बरेलवी, अलीगढिया, देवबंदी तमाम विचाधाराये हैं, खूनी जंग है. उन्हें ही बढावा देकर बात करनी चाहिए. जैसे वे हिंदू समाज को तोड़ते रहने तत्पर रहते हैं बिल्कुल वैसे ही.

वहीं ईसाई संगठन 2023 तक ही भारत को ईसाई देश बना देना चाहते हैं और उसके लिए धर्मांतरण को कई गुना बढ़ा देने के संकल्प ले रहे है.

यानि साफ़ है कि ईसाई संगठन और मुस्लिम संगठन भारत से भारतीय संस्कृति को नष्ट कर विदेशी धर्म में भारत का धर्मांतरण कर देना चाहते है, और कदापि ईसाई या इस्लामिक राष्ट्र बनने के बाद भारत का नाम भी बदल दिया जायेगा.

दोनों प्रकार के संगठन भारत की संस्कृति को नष्ट कर अपनी संस्कृति भारत पर थोपने के संकल्प ले रहे है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर पूर्व को तो ईसाई संगठनों ने लगभग ईसाई बहुल बना ही दिया है, कई तो ऐसे राज्य है जहाँ पर हिन्दुओं की आबादी 10% भी नहीं बची है जैसे कि नागालैंड, मेघालय इत्यादि.

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