कुछ समय पहले दोस्तों ने फाइनेंस का ज्ञान मांगा, तो पर्सनल फाइनेंस का ज्ञान ये रहा. थोड़ा लम्बा है, लेकिन काम का है…
1. पैसा बैंक एकाउंट में नहीं रखना – पैसा रखिये केवल किराना, किराया, किश्तों को जमा करने जितना. Keep money in savings account to cover only your basic necessities.
2. बाकी बचा हुआ पैसा तुरंत लिक्विड म्यूच्यूअल फंड में डाल दीजिए. एक लिक्विड फण्ड जो 30 मिनट के भीतर 50,000 रूपए वापस कर देता है, वो रिलायंस म्यूच्यूअल फंड का है, ऐसा ही कोई चुन लीजिये.
फण्ड मोबाइल app से संचालित होना चाइये, ताकि मुसीबत के समय आसानी से आपका पैसा लौटा सके.
3. सारा पैसा कार्ड से पे करने की कोशिश कीजिये. महीने के अंत मे एक लेखा-जोखा बन जायेगा, मतलब कि अपना बैंक स्टेटमेंट पढ़िए. बाकी आप स्वयं समझ जाएंगे कि क्या गलत खर्च किया और क्या सही.
4. एक मध्यमवर्गीय परिवार जो 6 लाख से 12 लाख के बीच सालाना तनख्वाह पाता है, उसको ढंग से रिटायर होने के लिए सालाना 80,000-1,50,000 रूपए का इन्वेस्टमेंट करना चाइये.
इसमें ये मानकर चल रहा हूँ कि आपके पास रहने को पैतृक घर है, या आप घर रिटायरमेंट से पहले खरीद लेंगे. इस पैसे पर आपको 11-12% का रिटर्न निकालना है.
5. 80C में डेढ़ लाख का exemption है. इसमें, इन्शुरन्स और कंपनी द्वारा काटे गए EPF के बाद आपका अधिकतम पैसा ELSS (Equity Linked Savings Scheme) में लगाना चाइये. बाकी सारे इन्वेस्टमेंट ऑप्शन इससे कम रिटर्न्स देते हैं.
किसी भी इक्विटी डाइवर्सिफाइड म्यूच्यूअल फंड में पैसा 5 – 15 साल के लिए डालना चाहिये. और रोज रोज ये चेक नही करना चाइये कि पैसा बढ़ा या नहीं. आप रिटायरमेंट या बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसा जमा कर रहे हैं, शाम को पनवाड़ी से बीड़ी खरीदने के लिए नहीं.
6. यदि म्यूच्यूअल फण्ड आदि समझ मे नहीं आता तो NPS (National Pension System) में पैसा डालना चाइये. इसमें 11-12% रिटर्न्स आ रहे हैं. और 80C के डेढ़ लाख के ऊपर पचास हज़ार का टैक्स बचत है.
7. मेडिकल इन्शुरन्स पूरे परिवार के लिए अवश्य लेना चाहिये, लेकिन ऐसी स्थिति में यह महंगा हो जाता है. इसलिए अपने एम्प्लायर को प्रेरित कीजिये कि वो ग्रुप मेडिकल इन्शुरन्स ले. कम्पनी की तरफ से आपके परिवार को काफी सस्ता कवरेज मिल सकता है.
New India का एक इन्शुरन्स प्लान है जिसके तहत आपके 8 लाख तक के क्लेम पर वो कोई पेमेंट नहीं करते हैं, लेकिन 8 लाख के ऊपर यदि 30 लाख तक का भी क्लेम है तो पैसा देते हैं.
ये बहुत ही सस्ता प्रोडक्ट है, और आपको ये या इसी प्रकार का प्रोडक्ट अवश्य लेना चाइये ताकि जब आप पर कमर तोड़ खर्चा आएगा तो आप उसको झेल सकें.
8. मकान की किश्त यदि आपकी तनख्वाह की 30% है, यदि आपके पास तीन महीने की तनख्वाह सेविंग में रखी है, और यदि आप मकान लेकर उसमें रहने वाले हैं, तो ही आप मकान का टंटा पाल सकते हैं.
9. कार से पहले बच्चों के संस्कार-शिक्षा जरूरी हैं. बच्चों की शादी, हायर एजुकेशन की पढ़ाई, या उनके स्टार्टअप के लिए 80,000 से 1,50,000 रूपए सालाना अलग रखना चाहिये. यदि विदेश में पढ़ाने की तैयारी है तो इस नम्बर को 2.5 लाख कर दीजिए (बच्चे की वर्तमान उम्र एक साल मानकर चल रहा हूँ).
10. वाहन, दुकान के अलावा घर के सामान का भी बीमा करवाना चाइये, ये काफी सस्ता होता है, और मेजर रिपेयर को भी कवर करता है. इसका खर्चा आराम से निकल आता है.
11. केवल टर्म इन्शुरन्स लें. endowment plans में आपकी तनख्वाह अनुरूप कवर नहीं होता, और रिटर्न्स 4-6% के बीच रहते हैं. इसी प्रकार ULIP से भी बचें.
बाकी इस बात का ध्यान रखिये कि आप जीवन जीने आएं हैं, पैसा भरने नहीं, आप जियें और पैसा समझदार हाथों में दें.
आपके जीने के लिए और मुसीबत में काम आने के लिए दोस्त बहुत जरूरी हैं. और दोस्त झूठ से नहीं बनते. पहले आप अपने हाथ जलाइए फिर ही कोई मरहम लगाने वाला मिलेगा.