पिछले दिनों मैं दिल्ली में था. घर से पैदल ही मेट्रो पकड़ने जा रहा था.
तभी एक युवक आया पीछा करता… आप अजीत दद्दा ही हैं न?
मैंने कहा हाँ… हूँ तो…
अब उस युवक ने अपना नाम आकाश सोम बताया.
मैं बहुत जल्दी में था, जो कि मैं अक्सर नहीं होता हूँ… मुझे किसी भी कीमत पर नेहरू प्लेस पहुंचना था जहां मेरा लैपटॉप सर्विस के लिए दिया हुआ था.
और अगर समय से न पहुंचता तो दुकान बंद हो जाती और अगली सुबह मुझे निकलना था.
आम ज़िन्दगी में तो मैं ऐसे मौके पर सब काम छोड़ गप्पें मारने बैठ जाता. पर उस दिन उस भाई से बमुश्किल 10 मिनट बात हो पाई, वो भी खड़े खड़े…
मेरे साथ कई बार ऐसा हुआ जब लोगों ने इस तरह राह चलते पहचान लिया, दो बार तो रेल में सहयात्रियों ने पहचान लिया…
मैं आमतौर पर इस तरह फेसबुक की DP देख के किसी को न पहचान पाऊं शायद… शायद मेरी French Cut दाढ़ी से पहचान लेते होंगे लोग… या मित्रों के मन मे छवि अंकित हो गयी है!
बहरहाल… पिछले तीन दिन से फेसबुक की फ़र्ज़ी आईडी पर घमासान छिड़ा हुआ है.
अदिति गुप्ता फ़र्ज़ी निकल गयी.
फरीदा खानम पर फेसबुक बंट गया है… आधे कहते फ़र्ज़ी है, आधे कहते असली है…
जिसने बताया कि वो फ़र्ज़ी आईडी है, अब तो खुद उसी की आईडी पर सवाल है कि वो खुद ही फ़र्ज़ी है… ताबिश सिद्दीकी…
इसी में भाई लोग ने ज़ोया मंसूरी को लपेट लिया है… वो भी फ़र्ज़ी…
बहुत पहले एक ज़ारा खान हुआ करती थीं, वो भी इसी तरह अचानक गायब हो गयी थी… उनके साथ तो विवाह जैसी कोई दुर्घटना हुई थी शायद…
फिलहाल सबसे ताज़ा विवाद फरीदा खानम और ज़ोया मंसूरी पर है…
मुझे थोड़ा आश्चर्य इस बात पर है कि ये फरीदा खानम इतनी पॉपुलर आईडी थी इसके बावजूद हमारी नज़रों में आने से कैसे बच गयी…
मने मेरे immediate circle में इसे कोई नहीं जानता था… हमारे ग्रुप में कभी ज़िक्र न हुआ और अगली इंतकाल भी फरमा गयी…
सवाल है कि किसी आईडी पर ये असली नक़ली फ़र्ज़ी होने का प्रश्न आखिर उठता क्यों है?
यदि आप असली हैं तो सामने क्यों नही आ जाते… फोटो नहीं डाल सकते, न सही… अपना नाम पता एड्रेस नहीं दे सकते कोई बात नहीं…
पर कभी किसी forum पर, कभी किसी फेसबुकिये सम्मेलन में प्रकट हो जाओ… ज़्यादा नहीं दो-चार लोगों से मिल लो… सामने नहीं आ सकते तो फेसबुक पर ही live आ जाओ… ऐसे छिप के रहोगे तो लोग सवाल तो करेंगे…
और दूसरी बात ये कि ये सवाल – बवाल किसी आम गुमनाम आईडी पर नहीं होते… जिसे 4 likes मिलते हैं उसे कौन पूछता है कि असली है या नकली.
जब आप बहुत से लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण हो जाते हैं तभी ये सवाल उठते हैं.
लोकप्रिय फेसबुकियों को ये जान लेना चाहिए कि सोशल मीडिया बड़ी तेजी से टीवी की जगह लेता जा रहा है… लोग अब टीवी से विमुख हो मनोरंजन के लिए सोशल मीडिया की तरफ आ रहे हैं.
Facebook, Twitter, Instagram और Quora अब Entertainment के साधन हैं…
बहुत से लोगों ने मुझे बताया है कि वो रात के दो बजे उठ के मेरी पोस्ट खोजते हैं…
मैं इसे विशुद्ध entertainment मानता हूँ… लोग मेरी या किसी की भी वॉल पर entertain होने जाते हैं… हम लोग फेसबुक के कपिल शर्मा और राजू श्रीवास्तव हैं… न इससे कम और न ज़्यादा…
दूसरी बात ये कि अब social media सिर्फ आभासी नहीं रह गया बल्कि धरातल पर उतर आया है… सोशल मीडिया से बने दोस्त पुराने दोस्तों से ज़्यादा प्रिय हो गए हैं… सोशल मीडिया के दोस्त अब मिलने जुलने socialize करने लगे हैं.
मेरे बेटे की सगाई और शादी हुई, मैंने अपने so called friends को और किसी रिश्तेदार को नहीं बुलाया, सिर्फ और सिर्फ फेसबुकिये आमंत्रित थे… और मैं ये देख के अभिभूत हो गया कि मेरे निमंत्रण पर लोग मुम्बई, भिलाई, जोधपुर, कोलकाता और गुवाहाटी तक से चले आये थे… मेरी धर्मपत्नी ने अपने मायके में भी 20 card बांटे थे, कोई नहीं आया…
दुनिया बदल रही है… Be the Change…
सोशल मीडिया पर यदि आप लोकप्रिय हैं, आपको यदि लोग खोज के पढ़ते हैं तो वो फिर आपसे मिलना भी चाहेंगे, आपसे बात करना चाहेंगे…
उस दिन दिल्ली में जब आकाश मुझसे मिला तो उसके चेहरे पर जो खुशी थी वो genuine थी… he was really on cloud 9…
लोकप्रिय फेसबुकियों को अपने असली रूप में सामने आना चाहिए… क्योंकि लोग अब किसी मुगालते में नहीं रहना चाहते… फेसबुक अब आभासी नहीं रहा…