तुम्हारे लिए

१-

मैं आकाश में भूमि हो जाने की संभावना हूँ
मैं कहीं नहीं जाऊँगा
मरूँगा भी नहीं

यही कहीं इसी धरती पर
तुम्हारी आँखों में
आकाश हो जाने की संभावना सा
चमकता रहूँगा.

२-

तुम मुझ तक आओ
रेंगते हुए
घास के गुच्छो की तरह
मैं तुम तक आऊँ
जैसे हवा पर चल कर आती है नमी

हम मिल कर
उस खनिज की अनिवार्य नियति में बदल जाएँ
जिसकी धार
हमारी स्वांस-भट्ठी में दहक रही है.

३-

मैं तुम्हें चूमना चाहता हूँ
ताकी तुम एक देह में बदल जाओ.

गोद में उठा कर एक तेज़ चक्कर लगाना
तुम्हें एक सुविधाजनक भार में बदल देगा

तुम्हारी आँखों में झाँकना
एक समानांतर पृथ्वी को रच देना है.

जानता हूँ यह सब एक कल्पना है
पर तुम सुनते रहना

मेरा कहना, तुम्हारा सुनना
तमाम आशंकाओं का विस्थापन है.

प्रेम की बची हुई संभावनाओं का ईश्वर हो जाना है.
मेरा चूमना,
और तुम्हारा देह में बदल जाना!

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