स्वदेशी स्वदेशी करने वाले पिछले कुछ दिनों से गायब है भारत में चीन से करीब 61 अरब डॉलर का आयात होता है और इसमें से 15 अरब डॉलर वो क्रिसमस पर ले जाता है. वो दीपावली पर झालर वाली बात करने वाले नहीं दिख रहे हैं. कोई फेसबुक पोस्ट नहीं मिली मुझे इस क्रिसमस पर.
दान मत करो मंदिरों में सब पैसे पुजारी खा जाते हैं वो वाली लिबरल गैंग कहा गयी. भाई पूरे विश्व में क्रिसमस eve पर अपनी कमाई का 10 % ईसाई समुदाय के लोग चर्च में डोनेट कर देते हैं जो पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था के लगभग बराबर होता है और फिर शुरू होता है परोपकार का नाटक जबकि इसका असली प्रयोग धर्मांतरण में ही होता है.
अरे वो ग्रीन ट्रिब्यूनल वाले वैज्ञानिक कहाँ है, बिंदी गैंग वाले लिबरल कहाँ है भाई जब हज़ारों लाखों पेड़ पौधे क्रिसमस के नाम पर काट दिये जायेंगे आज. पेट में मरोड़ आज नहीं सिर्फ होलिका दहन पर ही उठेगी न क्यों.
अरे वो पेटा वाले समाजसेवी पर्यावरण संरक्षण प्रेमी जो दीपावली और होली पर ओजोन तक को नष्ट कर देते है, कहाँ है जब लाखों की संख्या में जानवर आज मारे जाएंगे क्यों दर्द सिर्फ बलि (जो अब होती ही नहीं) के नाम पर ही होता है आज के दिन तो जानवर सामूहिक आत्महत्या करते हैं और विद्युत इस्तेमाल और शोर शराबे से कुछ थोड़े होता है बस जयकारा नहीं लगना चाहिए.
और हाँ आज सभी लोग आराम से सांस लेना क्योंकि आज जब पटाखे फूटेंगे तो उसमें से ऑक्सीजन निकलेगी जो 10 सिगरेट पीने नहीं बल्कि नीम के नीचे बैठने जितनी शुद्ध होगी पॉल्युशन बोर्ड और जज साहब आज पटाखों से न ध्वनि प्रदूषण होगा न पर्यावरण को कोई नुकसान.
विशेष
आपको लगता है कि सांता क्लॉज बनना है और क्रिसमस मनाना है तो बच्चों को और खुद को जोकर बनाने से बेहतर है आज उस पैसों से जिनसे आप ये जोकर वाली ड्रेस खरीदने वाले हैं उससे एक कंबल खरीद कर ठंड में ठिठुरते किसी गरीब को दे दीजिए जोकर न बने सनातनी बने जिसका मूल है.