संस्कृति नैमिषेय का शंखनाद

नई दिल्ली/लखनऊ. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, पर्यटन मंत्रालय और संस्कृति गंगा के संयुक्त तत्वावधान में नैमिषेय शंखनाद का आयोजन किया जा रहा है. इस क्रम में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में प्रसिद्ध कलाविद व सांस्कृतिक विदुषी पद्मविभूषण डॉ सोनल मानसिंह ने बताया कि संस्कृति नैमिषेय भारत की विराट चेतना को पुनर्जागृत करने का उपक्रम है.

इसके माध्यम से हम भारतीय ज्ञान, दर्शन और कला परंपरा में जो प्राप्त है, उसे सुरक्षित रखने के उद्देश्य से नैमिषेय प्रदक्षिणा का आयोजन कर रहे हैं. यह प्रदक्षिणा 14 जनवरी 2018 को सांस्कृतिक धरोहर नगरी वाराणसी से शुरू होगी, जो वर्ष भर चलेगी.

इस प्रदक्षिणा के दौरान देश के लगभग 25 बड़े शहरों में सांस्कृतिक विमर्श का आयोजन, सांस्कृतिक चेतना जागृत करने के लिए किया जाएगा. यह विशाल यज्ञ है. यह प्रकांतर से वैराट्य के लिए किया जाने वाला सांस्कृतिक एवं वैचारिक अश्वमेघ का ही स्वरूप है.

संस्कृति नैमिषेय की ओर से उत्तर प्रदेश के सीतापुर स्थित नैमिषारण्य में दो दिवसीय अखिल भारतीय ज्ञान सत्र ‘नैमिषेय शंखनाद’ का आयोजन किया जा रहा है. यह समारोह सात दिसंबर 2017 को यज्ञ के साथ शुरू होगा. भारतरत्न स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के भतीजे आदिनाथ मंगेशकर यज्ञ में सपत्नीक सहभाग करेंगे. इसमें देश भर से लाये गए लगभग 51 नदियों के पवित्र जल और समिधा से यज्ञ और पूजन का कार्यक्रम किया जाएगा.

गुरूवार सुबह दस बजे नैमिषेय शंखनाद का औपचारिक उद्घाटन उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक करेंगे. इस अवसर पर प्रख्यात नृत्यांगना डॉ सोनल मानसिंह स्वागत वक्तव्य देंगी और फिल्म निर्देशक डॉ चन्द्र प्रकाश द्विवेदी समारोह की प्रस्तावना प्रस्तुत करेंगे. उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी भी उपस्थित रहेंगी.

इसके बाद कई सत्रों में भारत की शास्त्र परंपरा, शिक्षा में संस्कृति, पाश्चात्य एवं पूर्व की कलाओं का तुलनात्मक अध्ययन, भारत में संस्कृति एवं धरोहर आधारित पर्यटन की संभावनाएं और जनजातीय जीवन में लोक कला व संस्कृति पर विद्वत जन विमर्श करेंगे.

अवनीश पी एन शर्मा के साथ अमीर चंदजी, संस्कार भारती प्रमुख, मनोज श्रीवास्तव प्रिंसिपल सेक्रेटरी कल्चर, एक्स प्रिंसिपिल सेक्रेटरी सीएम मध्यप्रदेश

इन सत्रों में चित्रकार वासुदेव कामत, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक डॉ वामन केंद्रे, संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष शेखर सेन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के निदेशक डॉ सच्चीदानंद जोशी, मध्य प्रदेश के कलाविद डॉ कपिल तिवारी, द्रुपद गायक उस्ताद वसीफुद्दीन डागर, भजन गायक अनूप जलोटा, लोक गायिका मालिनी अवस्थी आदि शिरकत करेंगे.

इनके अलावा श्री स्वांत रंजन, एस आर लीला, डी के हरि, हेमा हरि, कमलेश दत्त त्रिपाठी, श्री कुलदीप अग्निहोत्री, श्री सुहाष बाहुलकर, प्रो सत्यप्रकाश बंसल विमर्श में अपने विचार की प्रस्तावना पेश करेंगे.

डॉ मानसिंह ने बताया कि नैमिषेय शंखनाद समारोह के दूसरे दिन यानी आठ दिसंबर को विमर्ष जारी रहेगा. शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. इसमें मणिपुर के कलाकार ढोल-चोलम, थांग-टा, महाराष्ट्र का गोंधड़ नृत्य, बैंगलोर से धातु का पपेट शो और उत्तर प्रदेश का आल्हा गायन शामिल है. समापन समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की उपस्थिति अपेक्षित है.

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