Nicea की धर्मसभा में सिर्फ चार सुसमाचारों को मान्यता दी गई थी और उसके अलावा जितने भी गॉस्पेल थे उन सबको जबरन नष्ट करवा दिया गया. Constantine के भय से कई लोगों ने अपनी-अपनी गॉस्पेलों को इधर-उधर छुपा दिया.
उत्तरोत्तर कालखंड में जब पोप और चर्च की ताकत कम हुई तो उस काल में छिपाई गई गॉस्पेल भी सामने आनी लगी. चर्च हमेशा से मैथ्यू, मार्क, लूका और जॉन नाम के चार लोगों के सुसमाचारों को ही canonical Gospels बताता रहा और बाकी गॉस्पेलों को apocryphal यानि शंकायुक्त या झूठा गॉस्पेल कह कह खारिज़ करता रहा.
[मसीही धर्म शिक्षा भाग – 1 : ‘बाईबल’ को जानिये]
चर्च द्वारा बाकी गॉस्पेलों को खारिज करने की वजह ये थी कि इन सारी गॉस्पेल की बातें ईसाईयत के उन तमाम सिद्धांतों के बिलकुल बरअक्स (विपरीत) थीं जिन्हें चर्च ने बड़े जतन से सारी दुनिया में स्थापित किया था.
ऐसे ही कथित apocryphal गॉस्पेल में एक कुछ दशक पूर्व इज़रायल के ‘खिरबेत कुमरान’ नामक पहाड़ियों की एक गुफा में स्क्रॉल रूप में प्राप्त हुआ था.
[मसीही धर्म शिक्षा भाग – 2 : ‘बाईबल’ को जानिये]
अनुसंधान करने से पता चला कि ये एक गॉस्पेल थी जिसे यहूदा इस्करियोती (जुडास) के पुत्र ‘बेंजामिन इस्करियोती’ ने अपने पिता से सुन कर लिखा था.
यहूदा इस्करियोती ईसा के वही शिष्य थे जिनके बारे में वर्तमान ‘न्यू टेस्टामेंट’ कहती है कि उन्होंने महज तीस चांदी के सिक्कों के लिये अपने गुरु के साथ विश्वासघात किया था और उनको पकड़वा दिया था परंतु “गॉस्पेल अकॉर्डिंग टू जुडास” नामक इस स्क्रॉल से एक अलग ही बात सामने आई.
[मसीही धर्म शिक्षा भाग-3: ‘बाईबल’ को जानिये]
इस गॉस्पेल में बेंजामिन कहतें हैं कि उसके पिता ने कभी भी ईसा के साथ कोई विश्वासघात नहीं किया और वो सारी जिन्दगी उनके प्रति वफादार थे.
यानि चर्च की ‘लास्ट सपर’ वाली कहानी ही झूठी ठहरती है. चर्च आज तक दुनिया को ‘लास्ट सपर’ के बारे में यही बताता आया है कि इसी रात जीसस ने जुडास द्वारा अपने साथ धोखा होने की बात सबको बता दी थी.
[मसीही धर्म शिक्षा भाग – 4 : ‘बाईबल’ को जानिये]
चर्च में आज ‘ब्रेड और वाइन’ जो रीति दुहराई जाती है वो इसी ‘लास्ट सपर’ की उस घटना का स्मरण है जिसमें जीसस अपने शिष्यों को ब्रेड और वाइन देते हुये कहते हैं, “This is my body given to you” और “this is my blood of the everlasting covenant, which is poured for many.”
इस गॉस्पेल की प्राप्ति ने ईसाई चर्च की नींद उड़ा दी. ईसाईयत का आधार ईसा का कथित सूलीकरण, उनका दुबारा जीवित होना और सदेह स्वर्गारोहण है, इस गॉस्पेल में कही गई बातें उसके इन बुनियादों की ही जड़ उखाड़ देने वाली थी.
[मसीही धर्म शिक्षा भाग – 5 : ‘बाईबल’ को जानिये]
अब इस गॉस्पेल पर एक फिल्म भी बनाई जा रही है, देखना है कि वेटिकन इस प्रहार का उत्तर कैसे देता है.
इसी तरह की एक गॉस्पेल ईसा की एक महिला मित्र मेरी मेगडेलेन (मरियम मगदलीनी) की भी लिखी हुई है. इसके अंदर जो बातें आईं हैं वो तो और भी हैरान करने वाली है. इस गॉस्पेल के अनुसार ईसा ने अपना उत्तराधिकारी मरियम मगदलीनी को बनाया था न कि पीटर को.
इसी तरह की एक और गोस्पेल में आता है कि ईसा बैचलर नहीं थे बल्कि उनकी ‘मरियम मगदलीनी’ और ‘मार्था’ नाम की दो पत्नियाँ थी. Gospel of Nag Hammadi ने तो सूलीकरण के दावों को ही खारिज कर दिया.
Apocryphal Gospel की सूची बहुत लंबी है, जिसमें कुछ के नाम हैं – Gospel of Thomas, Gospel of Marcion, Gospel of Basilides, Gospel of Philip, Gospel of Barnabas.
जारी…