फ़लसफ़े में उलझे लोग प्यार कर सकते हैं सिर्फ़ ख़्वाबों में, मिलने नहीं आ सकते

रेल का टाइम भी पता कर लिया हमने
तरह तरह के होटलों का भी सर्वे कर लिया
टैक्सी वाले से भी बात कर ली
कितना वक़्त लगेगा, कितने पैसे
उस हिल स्टेशन पर पहुँचने के

तुम्हारे लिए तोहफ़े भी ले लिए
यूनिवर्स को कोई बहाना नहीं देना चाहते थे हम
अपने हिस्से का हमने सब कर लिया
पाँच छुट्टियाँ भी बचा कर रख ली
शनि इतवार साथ जोड़ हो जाते सात दिन
सात जन्मों के बराबर

तुम नहीं आए
तुमने बहाने बना लिए
सब बहाने ही तो होते हैं
चाहे ख़ुद बना लो
चाहे यूनिवर्स बना दे

नहीं क़सूर तो किसी का नहीं
कोई ग़ुस्सा भी नहीं हमें
फिर भी बहुत दिन तक सुबह जब वो रेल पहुँचती हमारे शहर
नींद खुल जाती
और कान गेट की तरफ़ लगे रहते

कई मर्तबा उठ हमने अपना चेहरा भी ठीक किया
हल्की सी लिप्स्टिक भी लगाई
पहली दफे मिलना है
अच्छा तो लगना ही चाहिए
सब जानते हुए भी कि तुम्हें तो हमारा पता भी नहीं पता

तुमने एक बार कहा था
इंतज़ार चाहे मत करना
उम्मीद कभी मत खोना
फिर एक बार कहा
नाउम्मीद होते हुए उम्मीद रखना

इतने फ़लसफ़े में उलझे लोग प्यार कर सकते हैं सिर्फ़ ख़्वाबों में
मिलने नहीं आ सकते कभी भी

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