जो 60 बरसों में अपने चुनाव क्षेत्रों अमेठी और रायबरेली का ही उद्धार नहीं कर सके वो वाराणसी जाकर देखें कि कैसे सिर्फ 3 बरसों में ही दुल्हन की तरह सज रही है.
मूडीज़ द्वारा 13 साल बाद भारत की रेटिंग बढ़ाये जाने, नोटबन्दी, GST को ऐतिहासिक कदम बताये जाने के बाद सरदारों के नाम पर कलंक, चापलूस, अर्थशास्त्र के नाम पर गुलामी करने वाले मंदमोहन सिंह और श्रीमान ‘शल्य’ यशवंत सिन्हा जैसों को साँप सूँघ गया है.
विदेशों में बढ़ती भारत और मोदी जी की साख आये दिन सेकुलरों को राख और खाक़ किये जा रही है.
पुत्रमोह में गांधारी बनी सोनिया गांधी ने कांग्रेस को लाक्षागृह बना दिया है और राहुल गांधी वानर बनकर यहाँ वहाँ कूद कूदकर इस लाक्षागृह को आग के हवाले किये जा रहे हैं.
कश्मीर में सेना अबतक 200 के लगभग आतंकियों को जहन्नुम भेज चुकी है. अब तो कमांडर ढूंढना ही मुश्किल भरा काम हो गया है.
कभी बच्चों के आतंकी बनने पर गर्व करने वाली कश्मीरी माँएँ अपने बच्चों को समर्पण करने को कह रही हैं.
कश्मीर के पत्थरबाजों को पत्थर देखकर ही घबराहट हो रही है.
पाकिस्तान की हालत धोबी के कुत्ते जैसी हो गई है, सीमा पार से होने वाली फायरिंग में ज़बरदस्त गिरावट है.
कन्हैया कुमारों की जगह जगह कुटाई हो रही है, केजरीवाल जैसे बकलोल की बोलती बंद है.
सड़क, बिजली, स्वच्छता अभियान, उज्ज्वला योजना, शौचालय निर्माण अपनी पूरी रफ़्तार में हैं.
दोगले पत्रकारों को अपनी बात रखना मुश्किल हो गया है, सोशल मीडिया ने उनको लंगूर बना रखा है.
इफ़्तार पार्टियों में सजदे करने वाले अब मंदिर मंदिर माथा टेक रहे हैं और एड़ियाँ रगड़ रहे हैं.
लालू & फैमिली ED ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं. 130 साल पुरानी कांग्रेस कभी अखिलेश तो कभी हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश जैसे लड़कों के कदमों में गिर रही है.
पिक्चर अभी बाक़ी है दोस्तों…
I like the post immensely ,because it is truth and truth and nothing else.