हार्दिक ने सच कहा, मूर्ख नहीं बनेंगे गुजराती

खोल से बाहर आकर हार्दिक पटेल ने दिखा दिया कि मैं काँग्रेस का एजेंट नहीं… काँग्रेसी ही हूँ. पटेलों को बेवकूफ समझने का इससे आसान रास्ता इसको मिला नहीं शायद…

‘पटेल आरक्षण के लिए काँग्रेस सत्ता में आते ही बिल लायेगी’… सब जानते है कि ऐसे बिल सविंधान के हिसाब से कोई मायने नही रखते.

हाईकोर्ट फौरन स्टे लगा देगी. बिल सिर्फ औपचरिकता है… इससे ज्यादा इस बिल से कुछ नही हो सकता.

हार्दिक और काँग्रेस में दम हो तो वादा करें कि SC/ ST/ OBC के 49% आरक्षण में से 10% कम करके हम पटेलों को आरक्षण देंगे… अगर नहीं तो ये बेवकूफ बनाने के सिवा कुछ भी नहीं है.

पटेल समाज में सर्वे करके पहले गरीब पटेल ढूँढे जायेंगे, फिर उनको आरक्षण देने की छूट अगर सुप्रीम कोर्ट देता है तो दिया जायेगा.

क्रीमी लेयर को आरक्षण से हटाने की बात करके सीधा सीधा बेवकूफ बना दिया. इधर बोल रहा है… हमें आरक्षण गेहूँ और केरोसिन के लिये नही चाहिये.

और गरीबों का सर्वे भी होगा तो फिर बचा कौन? साफ साफ क्योँ नही बोलता कि काँग्रेस से मैंने करोड़ों रुपये खा लिये हैं इसलिये काँग्रेस को वोट दो.

एक बात हार्दिक पटेल ने बहुत ही अच्छी बोली कि… गुजराती मूर्ख नहीं बनेंगे.

बिल्कुल सही बात है… गुजराती बिल्कुल मूर्ख नहीं बनेंगे. दंगाइयों और माफियाओं की संरक्षक काँग्रेस को कभी वोट नही देंगे… चाहे काँग्रेस अपने दलालों… हार्दिक, अल्पेश या जीतू के नाम पर कितनी भी कोशिश कर ले.

हार्दिक और काँग्रेस की डील तो तभी टूट चुकी थी जब राहुल गाँधी और हार्दिक पटेल छुप कर मिले थे.

लेकिन काँग्रेस ने हार्दिक पटेल की दो अश्लील सीडी रिलीज़ कर उस पर ऐसा दबाव बनाया कि उसे झक मारकर काँग्रेस का सपोर्ट करना पड़ा… जबकि उसे भी पता है कि काँग्रेस का वादा सिर्फ बेवकूफ बनाने का फार्मूला है.

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