रसपुआ : रस में तर मीठा, मुलायम पुआ

बिहार के मुख्य पकवानों/प्रसाद में पुआ का नाम सर्वोपरी है. होली, दिवाली, विजयादशमी, सरस्वती पूजा कोई भी त्यौहार हो पुआ न बने यह हो ही नहीं सकता. हमारे घरों में पुआ बनाने की कई विधियाँ हैं. आज हम बना रहे हैं रसपुआ.

रसपुआ

रसपुआ यानी रस में तर पुआ. मीठा, मुलायम.

सामग्री

मैदा -200 ग्राम

दूध- आधा लीटर

चीनी- स्वादानुसार

कटे मेवे{सूखी गरी/नारियल, कूटी छोटी इलायची}

तलने कर लिए घी/ रिफाइंड आयल

बनाने की विधि

सबसे पहले मैदा को दूध या पानी में घोल कर पुआ का लोर तैयार कर लें. लोर बहुत गाढ़ा या बहुत पतला नहीं होना चाहिए.

बारीक कटी गरी और कूटी गई छोटी इलायची के दाने इसमें डाल कर इसे दो से तीन घंटों के लिए अलग रख दें. लोर को खूब फेंट कर हल्का कर लें.

एक अलग बर्तन में चीनी और पानी से चाशनी तैयार कर लें. थोड़ी कूटी इलायची चाशनी में भी डालें.

कड़ाही में घी तेज आंच पर गर्म करें. गोल कलछुल की सहायता से गर्म घी में घोल डालें. रसपुआ पतला और थोड़ा फैला ही बनेगा.

दो मिनट के बाद पुआ को पलटकर आंच थोड़ी धीमी कर लें. पुआ पक कर किनारों पर सुनहरा हो जायेगा.

कड़ाही से पुआ को निकाल कर सीधे गर्म चाशनी में डूबा कर निकाल लें. गर्म-गर्म ही खाएं-खिलाएं.

सच मानिए खानेवालों को गर्म-गर्म रसपुआ खिलाने में खुद खाने से भी ज्यादा स्वाद मिलता है.

– कल्याणी मंगला गौरी

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