शारीरिक सक्रियता और वर्क आउट दोनों ही ज़रुरी

एक भ्रान्ति है लोगों में कि जिनकी दिनचर्या भाग-दौड़ वाली होती है उनको व्यायाम करने की कोई जरुरत नहीं होती है.

वैसे तो पुरुष भी इस भ्रान्ति के शिकार होते हैं पर महिलाएं ज्यादा होती हैं.

अक्सर महिलाओं से सुनने में आता है कि घर के सारे काम वो खुद ही करती हैं इसलिए वो एक्सरसाइज़ नहीं करती हैं.

वर्षों तक इस रूटीन को निभाने के बाद भी उनके वज़न पर इसका कोई खास प्रभाव जब नहीं दिखता है तब वो वजन कम क्यों नहीं हो रहा है इसकी चिंता तो जरूर करती हैं, पर एक्सरसाइज़ नहीं करती हैं.

प्रतिदिन किए जाने वाले घरेलू काम जैसे झाड़ू-पौंछे, कपड़े धोना, सफाई, बागवानी, बच्चों के साथ खेलना, सीढ़ी चढ़ना, पालतू जानवर को घुमाने ले जाना आदि फिज़िकल एक्टिविटी तो हैं, पर एक्सरसाइज़ का विकल्प नहीं हैं.

इनसे एक फायदा होता है, मांसपेशियों में लचीलापन आ जाता है लेकिन बहुत कम कैलोरी बर्न होती है.

एरोबिक्स, जिमिंग या डांस से पूरे शरीर में मूवमेंट होता है जिससे शरीर के सभी अंगों को कम समय में ही ज्यादा फायदा होता है.

इसलिए दिन में आधा घंटा भी अपने लिए निकाल कर यदि एक्सरसाइज़ की जाए तो फिटनेस तो बनी ही रहेगी, बहुत सी बीमारियाँ भी दूर रहेंगी.

व्यायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ा रहता है जिससे शरीर और दिमाग तो सक्रिय रहता ही है, शरीर के सभी अंग भी सक्रिय और स्वस्थ रहते हैं.

वर्क आउट के इतने फायदे जान कर कहीं आप ऐसा मत सोचने लगें कि फिजिकल एक्टिविटी छोड़ कर सिर्फ एक्सरसाइज़ ही करना चाहिए.

शारीरिक सक्रियता और वर्क आउट दोनों ही ज़रुरी है.

जो लोग शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हैं उनका एनर्जी लेवल अच्छा रहता है, जो वर्कआउट करने में थकने नहीं देता है और वर्क आउट से जो स्ट्रेंथ मिलती है वो शारीरिक गतिविधियों में सहायक होता है.

सर्दियाँ शुरू हो गयी हैं, रातें लम्बी हो रही हैं, जल्दी सोने वालों की नींद भी पूरी हो जाएगी और सुबह एक्सरसाइज़ के लिए समय भी मिल जाएगा.

सोचिए मत, फायदा उठा लीजिए और कल से ही शुरू कर दीजिए वर्कआउट.

सर्दियों में पराठे भी खाने हैं तो इस एक्सट्रा कैलोरी को बर्न भी तो करना पड़ेगा, नहीं तो वज़न बढ़ना पक्का ही है

इसलिए सिर्फ फिजिकल एक्टिविटी के भरोसे मत रहिए व्यायाम भी कीजिए.

स्वस्थ रहिये मस्त रहिए.

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