1975 की बात है. उन दिनों हम चंडीगढ़ के पास स्थित एक Cantonement चंडीमंदिर में रहते थे.
मेरी उम्र सिर्फ 10 साल की थी. 1975 में इंदिरा गांधी ने Emergency लगा दी थी. माहौल बहुत ज़्यादा charged था.
बेशक हम Army Area में रहते थे फिर भी सबकी ज़ुबान पर एक ही नाम था… इंदिरा गांधी और Emergency…
मेरे घर मे सिर्फ एक ही चर्चा होती थी. पिता जी पानी पी पी के नेहरू, इंदिरा और कांग्रेस को गरिआया करते थे.
मुझे सिर्फ 10 साल की उम्र में ये पता लग गया था कि इंदिरा गांधी एक बहुत भ्रष्ट और अधिनायकवादी औरत है और भारत की जनता पे अत्याचार कर रही है.
पूरे अढाई साल रही इमरजेंसी. उसके बाद चुनाव हुए. emergency हटी तो उस दौर की भयावह कहानियां छन छन के बाहर आने लगीं.
कैसे कैसे अत्याचार हुए उस दौर में… कैसे यातनाएं दी जाती थी विरोधियों को… उन दिनों की एक प्रमुख पत्रिका धर्मयुग इमरजेंसी की कहानियों से भरा होता था…
जब इमरजेंसी लगी तो मैं पांचवीं क्लास में था. हटी तो आठवीं में. 13 साल की उम्र थी. आम चुनाव हुए तो कांग्रेस का सफाया हो गया और जनता पार्टी की सरकार बनी.
सिर्फ अढाई साल में ही गिर गयी. 1980 में जबकि मैं 10th में था, तो इंदिरा गांधी ने चुनाव जीत के शानदार वापसी की.
जनता पार्टी खंड खंड हो बिखर गई, भाजपा का जन्म हुआ… देश ने सिर्फ अढाई साल के भीतर Emergency में मिले घावों को भुला के पुनः इंदिरा गांधी को सिर पे बैठा लिया.
1980 में ही पंजाब में आतंकवाद ने सिर उठाना शुरू किया. अगले तीन साल यानि कि 1980 से 1983 तक मैंने पंजाब समस्या को अपनी आंखों से देखा, झेला और महसूस किया.
पंजाब को जलते देखा, कांग्रेस का नंगा नाच देखा, हिंदुओं को बस से उतार के लाइन में खड़ा करके गोली मारी जाती देखी…
उसके बाद 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार देखा और उसी 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या देखी और दिल्ली में सिर्फ 3 दिन में 6000 सिखों की हत्या भी अपनी नंगी आंखों से देखी.
और उसके बाद राजीव गांधी जैसे नौसिखिए अनाड़ी को भारत का PM बनते देखा और उसी कांग्रेस को जिसने देश को बर्बाद किया, उसे लोकसभा में 410 सीट जीतते हुए भी देखा.
1975 से 1985 तक के ये 10 साल मैंने राजनीति की घुट्टी घोल के पी…
1975 से ले के आज तक मैंने BJP को जन्म लेते, 1984 में 2 सीट से आज इस दौर में 282 सीट तक आते देखा और कांग्रेस को 1984 के 404 सीट से 44 तक गिरते देखा.
इन 40 सालों में एक बात जो मैंने बड़ी शिद्दत से महसूस की वो ये कि कमीनेपन में कांग्रेस का मुकाबला भाजपा कभी नही कर पाई.
भाजपा ता उम्र शुचिता, संस्कार और Party With a Difference का तमगा लिए चाटती रही और मक्कार कांग्रेस शासन कर देश को लूटती रही.
70 के दशक में कांग्रेस बेशर्मी से बूथ लूट के, Booth Capturing करके चुनाव जीतती रही. फिर इसने गुंडे बदमाश चोर डाकुओं माफियाओं को टिकट देना शुरू किया, उनको MLA, MP और मंत्री बनाना शुरू किया.
भाजपा वही शुचिता और संस्कार ले के चाटती रही. कांग्रेस बेशर्मी से जातिवादी वोट बैंक बना के राज करती रही, मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करती रही, दलितों आदिवासियों की राजनीति करती रही, संघ-भाजपा शुचिता संस्कार चाटते रहे.
1984 के बाद जब जाति आधारित क्षेत्रीय दलों का उदय हुआ तो उन्होंने अपने अपने जातीय वोट बैंक बना के कांग्रेस को पटखनी दी और अपने अपने राज्य में सत्ता हथिया ली… भाजपा फिर सत्ता से बेदखल Party With a Difference का तमगा चाटती रही…
मैंने पूरे 40 साल कांग्रेस की राजनीति को देखा… उसके सामने कभी भाजपा टिक ही नहीं पाई…
पर आज के इस दौर में जा के, पहली बार ऐसा लगा कि भाजपा के वर्तमान नेतृत्व ने भारतीय राजनीति के सारे दाँव पेच, सारी तिकड़में, वो सारी की सारी Dirty Tricks सीख ली हैं जिनके बल पे Congress ने पूरे 60 साल इस देश पे राज किया…
भाजपा ने अब जातीय वोट बैंक बनाना भी सीख लिया है, भाजपा ने OBC और दलित राजनीति में कांग्रेस से लेकर तमाम क्षेत्रीय दलों को मात दे दी है.
भाजपा ने मुस्लिम वोट बैंक का तोड़ निकाल लिया है. भाजपा ने बड़े माफियाओं, उद्योगपतियों से काम लेना / निकालना भी सीख लिया है.
आज भाजपा से अच्छी DDT कोई नही छिड़क सकता… DDT बोले तो Department of Dirty Tricks…
हार्दिक पटेल की CD इसका सबसे बड़ा उदाहरण है… बताया जाता है कि कुल 6 CD हैं… अब तक दो आ चुकी हैं. दूसरी में 3:1 है.
इसके बाद आने वाली CDs में हार्दिक पटेल समूह गान गाते दिखेंगे ऐसा बताया जा रहा है…
अब कांग्रेस का कमीनापन भी सीख लिया है भाजपा ने…
एवरी थिंग इज़ फेयर इन लव एंड वार एंड राजनीति इज़ ए वॉर… So Chill… जीतने के लिए ज़िंदा रहना जरूरी है.