नया जन्म

नए शब्द नहीं मिलते
नए अनुभवों के लिए
उन्हीं पुराने शब्दों को
नए अर्थों में ढालकर
एक नई बात मैं कहता हूँ

कि इस दुनिया में नया कुछ नहीं है
न आसमान नया है
न ज़मीन ही नई है

लेकिन जब कभी
तुम्हें मिल जाए कहीं
मुट्ठी भर पुराना आसमान
तो उड़ जाना
नए पंख लगाकर

गर मिल जाए एक मिट्टी के कण बराबर
भी पुरानी ज़मीन
जहां तुम खुद को
स्वतन्त्र और मुक्त अनुभव करो
तो समा जाना उस कण में
और बन जाना एक बीज…

एक बीज जो अंकुरित होकर
कल बन सके एक वटवृक्ष
जिस पर उगे
नए फूल और फल

क्योंकि पुराने से बंधे बंधे
हम थक गए हैं
और इस विराट अस्तित्व से परे नया कुछ नहीं

तो आओ हम मर जाएं
एक नए तरीके से
ताकि जन्म ले सकें
नए शरीर में
नए अनुभवों के लिए…

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