अलीगढ़. एएमयू (अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) के प्रोफ़ेसर पर पत्नी को व्हाट्सएप पर तलाक़ देने का मामला सामने आया है.
प्रोफ़ेसर की पत्नी का दावा है कि वो एक साथ तीन तलाक़ दिए जाने की शिकार हुई हैं, जिसे सुप्रीम कोर्ट ग़ैरक़ानूनी क़रार दे चुका है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ प्रोफ़ेसर की पत्नी ने दावा किया कि उसके पति ने पहले व्हाट्सएप पर और फिर टेक्स्ट मैसेज भेजकर तलाक़ दिया.
पत्नी ने वीसी कार्यालय के बाहर बच्चों समेत आत्मदाह की धमकी दी है, लेकिन कोई केस दर्ज नहीं कराया है.
प्रोफ़ेसर ने मीडिया को बताया कि उन्होंने व्हाट्सएप के अलावा दो लोगों के सामने भी पत्नी को तलाक़ दिया था.
पीड़िता का नाम यासमीन खालिद और उसका पति अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और संस्कृत विभाग के चेयरमैन है.
वहीं यासमीन के पति खालिद बिन यूसूफ ने पत्नी पर आरोप लगाया है कि वह 20 साल से उसे प्रताड़ित कर रही है जिससे परेशान होकर उसने तलाक दिया है.
खुद को पीड़ित बताते हुए खालिद ने कहा कि पिछले दो दशकों से मेरी पत्नी ने मुझे परेशान किया हुआ है. उसने हमारी शादी से पहले घटी घटनाओं को मुझसे छिपाया है. वो जो दावा करती है कि वह ग्रेजुऐट है, इसका भी मुझे बाद में पता चला कि वह ग्रेजुऐट नहीं है.
खालिद ने कहा कि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह क्या करती है क्या नहीं क्योंकि मैंने पूर्ण तरीके से उसे तलाक दिया है. वहीं इस मामले पर पुलिस का कहना है कि यासमीन ने अभी तक अपने पति के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं कराया है.
यासमीन का आरोप है कि पहले तो खालिद ने उसे व्हाट्सएप्प पर तलाक भेज दिया और फिर उसके बाद उसने टेक्सट मैसेज के जरिए तलाक दिया.
यासमीन ने कहा कि अगर 11 दिसंबर तक उसे इंसाफ नहीं मिला तो वह उपकुलपति तारिक मंसूर के घर के आगे अपने तीन बच्चों के साथ आत्महत्या कर लेगी.
यासमीन के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए खालिद ने कहा कि मैंने केवल उसे व्हाट्सएप्प या टेक्सट मैसेज के जरिए तलाक नहीं दिया बल्कि दो लोगों के सामने और शरियत की अवधि का पालन करते हुए उसे तलाक दिया था.