नई दिल्ली. जीएसटी काउंसिल ने शुक्रवार को आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए करीब 177 चीजों पर जीएसटी की दरों में कटौती का फैसला किया है.
इससे दो बातें सिद्ध होती हैं. पहली कि व्यापारी बिना बात दुखी नहीं थे और दूसरी बात कि भाजपा सरकार अपेक्षाकृत रुप से अधिक संवेदनशील एवं सामंजस्य कुशल है.
जीएसटी परिषद ने गुवाहाटी में अपनी 23वीं बैठक में 227 में से 177 वस्तुओं पर कर दर में कटौती कर दी.
परिषद ने चाकलेट से लेकर डिटर्जेंट तक आम इस्तेमाल वाली 177 वस्तुओं पर कर दर को मौजूदा 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने का फैसला किया है.
बिहार के उप -मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यह जानकारी दी.
सुशील मोदी ने मीडिया को बताया कि परिषद ने 28 प्रतिशत के सर्वाधिक कर दर वाले स्लैब में वस्तुओं की संख्या को घटाकर सिर्फ 50 कर दिया है जो कि पहले 227 थी.
गौरतलब है कि विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य व्यापक खपत वाली वस्तुओं को 28 प्रतिशत कर दायरे में रखने का विरोध कर रहे थे.
जीएसटी दर के इस स्लैब में ज्यादातर लग्जरी व अहितकर वस्तुओं को रखा गया है.
दरें तय करने वाली (फिटमैंट) समिति ने 28 प्रतिशत के स्लैब में आने वाली वस्तुओं की संख्या को घटाकर 62 करने की सिफारिश की थी जबकि परिषद ने इसमें वस्तुओं की संख्या को घटाकर 50 कर दिया है.
देश में नयी माल व सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली का कार्यान्वयन एक जुलाई से किया गया है.
इसमें पांच कर स्लैब 0 प्रतिशत, पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत व 28 प्रतिशत रखे गये हैं.
बता दें, जीएसटी की तकनीक संबंधी गतिविधियों को मॉनिटर करने के लिए एक ग्रुप बनाया गया था.
इस ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स में 5 सदस्य हैं, जिसके प्रमुख बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी हैं.
सूत्रों के मुताबिक़ काउंसिल की 23वीं बैठक के एजेंडा में सबसे ऊपर 227 वस्तुएं थीं, जिन पर फिलहाल 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है.
इनमें से पान मसाला, सीमेंट, मेकअप सामान, कॉस्मेटिक्स, प्री एंड आफ्टर शेविंग सामान, वैक्यूम क्लीनर, निजी इस्तेमाल के लिए एयरक्राफ्ट, वाशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसी 50 चीजों को छोड़कर बाकी 177 वस्तुओं पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत की करने पर फैसला हुआ.