भानुमति – 10

काम्पिल्य में इतनी चहल-पहल पहले कभी नहीं थी. सामने के विशाल मैदान पर जैसे कोई नया ही नगर बन गया हो. समूचे आर्यावर्त के राजाओं के कुटीर और छोलदारियां लग गई थी. द्रौपदी के स्वयंवर में आमंत्रित राजाओं ने अपना वैभव दर्शाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. यहां तक कि सबको अचंभित करते हुए … Continue reading भानुमति – 10