भानुमति – 8

युद्धशाला में अपने रथ की प्रतीक्षा करते हुए द्रोण अत्यधिक क्रोधित थे. उन्हें राज्यसभा में मंत्रणा के लिए बुलाया गया था. यद्यपि वे अधिकांशतः युद्धशाला में ही रहते, उनका मुख्य कार्य विभिन्न राजकुलों या युद्धविद्या के इच्छुक राज्य के नागरिकों के बालकों तथा हस्तिनापुर की सैन्य वाहिनियों को प्रशिक्षण देना था, परन्तु उनकी रुचि आर्यावर्त … Continue reading भानुमति – 8