द्वितीय विश्वयुद्ध में हिटलर का बड़ा मशहूर कथन है… If you win, you need not have to explain… If you lose, you should not be there to explain!
बंगाल के हिन्दू अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.
जिहादिन बानो को उखाड़ फेंकने के लिए किसी भी हद तक जाना पड़े, भाजपा को जाना चाहिए.
एवरी थिंग इज़ फ़ेयर इन लव एंड वॉर… प्यार मुहब्बत और लड़ाई में सब जायज़ है… खासकर तब, जब लड़ाई ज़िन्दगी और मौत की हो.
अभी जो दुर्दशा है हिंदुओं की… बंगाल में… उस से बढ़ के दुर्दशा क्या होगी.
ऐसे में जिहादिन बानो से लड़ने के लिए सिर्फ मुकुल रॉय ही नही, पूरा कैडर ही भर्ती कर लेना चाहिए.
कल का दिन बंगाल के इतिहास में दर्ज होगा. कल बंगाल में एक ज़मीनी परिवर्तन आया है.
पर्दे के पीछे से, जिहादिन बानो को उखाड़ फेंकने के लिए, कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने भी गोटी चल दी है.
आने वाले कुछ महीनों में बंगाल में बहुत खून बहने वाला है सड़कों पे. पूरा गैंगवॉर होगा.
ज्योति बसु के ज़माने से जो ‘राज्य के आतंकवाद’ (State Terrorism) का तंत्र विकसित हुआ वो CPM से होता हुआ अब तृणमूल कांग्रेस और अब तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आना तय है.
एक बार अगर भाजपा की सरकार बन गयी बंगाल में, तो जा कर सफाई कार्यक्रम शुरू होगा.
नाली की गंदगी साफ करने के लिए नाली में घुसना ही पड़ेगा.
पिछले कुछ दिनों में सबसे बड़ा परिवर्तन (Tactical Shift) CPM की रणनीति में आया है. CPM ने ये मान लिया है कि वो फिलहाल तृणमूल कांग्रेस को अपदस्थ करने की स्थिति में नही हैं.
ऐसे में उन्होंने पर्दे के पीछे से बंगाल भाजपा को समर्थन करने की रणनीति बनाई है.
CPM की मजबूरी है. मजबूरी ये है कि भाजपा प्रदेश में उभर रही है. CPM धीरे धीरे तीसरे और चौथे नंबर पे जा रही है.
CPM का कैडर ही तृणमूल कांग्रेस में गया था तो तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आई. CPM की रणनीति है कि वही कैडर रातों रात पूरे का पूरा भाजपा में शिफ्ट कर दिया जाए.
पहले तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से हटाओ. भाजपा को बैठाओ. भाजपा को नंबर एक पर जाने दो. भाजपा नंबर एक पे आ जाये तो फिर नंबर दो पर आने की लड़ाई लड़ो.
दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है. राजनीति में कोई भी परमानेंट शत्रु या मित्र नही होता है.
आने वाले महीनों में तृणमूल कांग्रेस पर दोहरी मार पड़ने वाली है. इधर भाजपा से उधर CPM से. कांग्रेस परिदृश्य से गायब है. CPM की निगाह फिलहाल नंबर दो पर है.