अहमद पटेल का ‘कथित करीबी’ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली में एक कारोबारी जो कथित तौर पर कांग्रेस नेता अहमद पटेल का बेहद करीबी है, को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है.

आरोप है कि गगन धवन नाम के इस शख्स ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंकों के 5000 करोड़ का चूना लगाया है.

इसे कथित रूप से सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल सहित कांग्रेस के कई बड़े नेताओं का करीबी बताया जा रहा है.

मामला गुजरात की एक फार्मा कंपनी से जुड़ा था. माना जा रहा है कि गगन की गिरफ्तारी के बाद बहुत से राज खुल सकते हैं और कई बड़े लोगों पर भी ईडी की गाज़ गिर सकती है.

आरोप है कि गगन ने बहुत से लोगों के काले धन को सफेद कराया है जिनमें कई नेता और नौकरशाह शामिल हैं.

ईडी ने अगस्त में गगन धवन और दिल्ली के एक पूर्व विधायक के यहां छापेमारी भी की थी.

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय जांच एजेंसी ने मनी लांड्रिंग की रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दिल्ली से आरोपी गगन धवन को गिरफ्तार किया.

अब आगे की कार्रवाई के लिए धवन को अदालत में पेश किया जाएगा.

जांच एजेंसियों को काफी दस्तावेज भी मिले हैं जिनसे पता चलता है कि गगन ने काफी नौकरशाहों को पैसे भी दिए हैं. इन दस्तावेजों के मुताबिक गगन ने आईआरएस सुभाष चंद्रा को 30 लाख और आईएएस मानस शंकर रे को 40 लाख रुपये दिए थे.

बताया जाता है कि जांच एजेंसी ने धवन को कथित तौर पर स्टर्लिंग बायोटेक, वडोदरा स्थित कंपनी से संबंधित बैंक ऋण धोखाधड़ी और कुछ अन्य इसी तरह की अवैध लेनदेन के लिए रडार पर रखा था.

एजेंसी, धवन और कंपनी दोनों को वरिष्ठ आयकर विभाग के अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत देने के मामले की भी जांच कर रही है.

गौरतलब है कि, सीबीआई ने हाल ही में स्टर्लिंग बायोटेक, उसके निर्देशक चेतन जयंतीलाल संदसेरा, दीप्ति चेतन सैंडेसारा, राजभुषण ओमप्रकाश दीक्षित, नितिन जयंतीलाल संदसेरा और विलास जोशी, चार्टर्ड एकाउंटेंट हेमंत हाथी, पूर्व निदेशक आंध्र बैंक अनूप गर्ग और अन्य व्यक्तियों को कथित बैंक धोखाधड़ी का मामले में गिरफ्तार किया था.

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने आंध्रा बैंक के एक कंसोर्टियम से 5000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. एफआईआर में कहा गया है कि 31 दिसंबर, 2016 तक समूह कंपनियों की कुल लंबित देनदारी 5,383 करोड़ रुपये थी. इसके बाद ईडी ने इस मामले में संज्ञान लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था.

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