Video : मेंढक कैसे उबाला जाता है? अनैतिक नियम का क़ानून बनना

यह बात तो आप आज तक सैकड़ों बार पढ़ चुके होंगे कि पानी का तापमान हल्के हल्के बढ़ाया जाता है ताकि मेंढक सुस्त ही रहे. जब तापमान एक सीमा पार कर लेता है तो उस समय मेंढक चाहकर भी बाहर कूद नहीं सकता और वहीं धीरे धीरे मर जाता है. छटपटाने की शक्ति भी उसके भीतर नहीं रहती.

मनुष्यों के साथ भी कुछ इसी तरह का व्यवहार होता है. अचानक कोई नियम बनाया जाता है जिसके बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती. एक एक कर के फंदा कसा जाता है.

सब को यही बताया जाता है कि यह तो नियम है. आप को नोटिस देने आया आदमी तो एक अदना नौकर है और आप उस पर बिगड़े तो कहता है कि वो अपना काम कर रहा है, आप को ऊपर वालों से बात करनी चाहिए और वो चाहेगा कि आप उसके काम में बाधा न डालें.

साधारण, कानून का पालन करने वाला आदमी सरकारी कर्मचारी का प्रतिकार नहीं करता. ना ही वो सरकारी दफ्तर जा कर सवाल पूछता है.

और ऊपर जा कर जिन्होंने यह नियम बनाया है उनसे सवाल पूछने तक वो जाता ही नहीं. सर झुका देता है और उबलकर मरने की प्रक्रिया का एक और चरण पूरा होता है.

यह वीडियो अमेरिका का है. एक पूर्व सैनिक, जो अपने घर के आँगन में देश का झण्डा लगाता रहा है, उसे नोटिस आ गया कि यह झण्डा आप हटाएँ, आप नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. आप खुद न हटाएँ तो उसे हटाया जाएगा और कारवाई की कीमत हर दिन के 50 डॉलर के हिसाब से आप से वसूली जाएगी.

ध्वजदंड का आँगन में होना, नियमों का उल्लंघन बताया गया है और एक लिस्ट में महज एक बॉक्स है जिसे ‘टिक’ किया गया है.

ये बूढ़ा पूर्व सैनिक बौखला गया. बीस साल से मेरे आँगन में ध्वजदंड है और उस पर हर दिन झण्डा लहराता है, यह कब से नियम का उल्लंघन हो गया?

किसी लोकल चैनल ने सपोर्ट में लोगों से सर्वे किया और कुल मिलाकर सारांश यह निकाला कि उसको स्थानीय इकाई से दूसरा पत्र आ गया कि यह गलती से आप को चला गया था.

चिंता की बात यह है कि एक रेडीमेड लिस्ट में ध्वजदंड का आँगन में होना शामिल है. यह भूतपूर्व सैनिक था और अमेरिका में भूतपूर्व सैनिक संगठित हैं तथा उनके लिए जनता में सम्मान भी है. स्थानीय इकाई ने पंगा न लेना बेहतर समझ कर लेटर भेज दिया होगा.

लेकिन कल यह लेटर किसी और आम नागरिक को जा सकता है जो अपना यह हक सरेंडर कर देगा. और परसों किसी और को जाएगा और वो विरोध करेगा तो सभी सरेंडर करने वालों का हवाला दे कर उसे नियम तोड़ने वाला, अतएव दंड का भागी बताया जाएगा और दंडित भी किया जाएगा.

और कोई भी नियम का नैतिक या कानूनी आधार नहीं पूछेगा और एक अनैतिक नियम, कानून बन जाएगा.

भारत में ध्वज को लेकर विशिष्ट और अमेरिका से अलग नियम हैं. लेकिन इस पोस्ट में बात ध्वज की नहीं, मेंढकों को उबालने की हो रही है जिसको स्थानीय परिप्रेक्ष्य में समझा जा सकता है.

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