नई दिल्ली. नोटबंदी और जीएसटी जैसे कड़े मगर अहम् आर्थिक सुधारों को लेकर आलोचनाओं के घेरे में आई मोदी सरकार के लिए विश्व बैंक की रिपोर्ट अच्छी खबर लेकर आई है.
विश्व बैंक के ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस इंडेक्स में भारत 30 पायदान की लंबी छलांग के साथ 100वें स्थान पर पहुंच गया है.
विश्व बैंक ने अपनी वार्षिक कारोबार सुगमता रिपोर्ट में 190 देशों के बीच भारत को 100वें पायदान पर जगह दी है. पिछले साल भारत इस इंडेक्स में 130वें स्थान पर था.
यह पहली बार है, जब भारत ने इतनी लंबी छलांग लगाई है. अगर विशेषज्ञों की मानें तो कारोबार करने के मामले में भारत की रैंकिंग में सुधार से कई क्षेत्र को लाभ होगा.
कारोबार करने के लिए माहौल संबंधी विश्व बैंक की रिपोर्ट पहले भी आती थी लेकिन पूर्व की सरकारों ने कभी उसे खास तवज्जो नहीं दी.
मौजूदा केंद्र सरकार ने न सिर्फ इसे तवज्जो दिया बल्कि किस तरह से इस सूची में अपनी रैंकिंग सुधारी जाए, इसको लेकर एक सोची समझी रणनीति लागू की.
एक वर्ष के भीतर इस रैकिंग में 30 अंकों की छलांग इस सोची समझी रणनीति का ही उदाहरण है. कई स्तरों पर काम किया गया.
केंद्र सरकार ने अपने स्तर पर और अपनी दूसरी एजेंसियों के जरिये कारोबार से जुड़े अवरोधों को दूर करने के लिए कदम उठाये.
साथ ही मुंबई व दिल्ली के नगर निगमों के साथ मिलकर ही उन मानकों पर काम किया गया जिनकी वजह से अभी तक भारत इस रैकिंग में पिछड़ रहा था.
वहीं, वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सीमा पार व्यापार आदि क्षेत्रों में सुधार किया जा रहा है. इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था की जा रही है. कई क्षेत्रों तेजी से काम किया जा रहा है.
जेटली ने कहा कि आने वाले दिनों में इसके सकारात्मक परिमाण देखने को मिलेंगे. उन्होंने कहा कि हम ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में 50वें स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं.
अमेरिका-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) की नई अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत की स्थिति बेहतर होने को अहम करार दिया.
उन्होंने कहा कि इससे भारत को और अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने में मदद मिलेगी. यह एक महत्वपूर्ण कदम है और भारत के सही दिशा में बढ़ने के लिए काफी अहम बैरोमीटर है. यह ऐसा माध्यम बनने जा रहा है, जो अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करेंगे.
बिस्वाल ने कहा कि FDI पानी की तरह है. वह उस रास्ते पर बढ़ता है, जहां कम से कम प्रतिरोध हो. लिहाजा जितना आप प्रतिरोधों को कम करेंगे, उतना ही एफडीआई तेज होगा.
उल्लेखनीय है बिस्वाल अमेरिका के पिछले ओबामा प्रशासन में दक्षिण और मध्य एशिया क्षेत्र की सहायक विदेश मंत्री रह चुकी हैं.