मामाजी इन फुलफॉर्म

एमपी की सड़कों को अमेरिका से बेहतर बताने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर-भोपाल को न्यूयार्क से भी ज्यादा साफ-सुथरा शहर बताया है.

अक्सर आपने लोगों को ये धमकी देते हुए सुना होगा .. ‘तेरे जैसे 50 खरीद सकता हूँ’. इस धमकी के पीछे असली वजह होती है, जेब में ताकत. जिसकी जेब में माल होगा वही तो ये बोलेगा.

अब शिवराज सिंह अगर एमपी की सड़कों को विश्व स्तरीय बता रहे है, इंदौर भोपाल को न्यूयार्क से साफ बता रहे हैं तो इसकी वजह यही है कि उन्होंने काम किया है. उनकी जेब में माल है. जिन्हें बयान से दिक्कत हो उन्हें एमपी के दर्जनों हाइवे और सैकड़ों सड़के दिखायी जा सकती है, उन्हें इंदौर भोपाल की सफाई दिखायी जा सकती है. इंदौर तो वैसे भी देश का नम्बर एक साफ शहर है ही.

दिल्ली देश की राजधानी है. यहाँ एक राज्य सरकार है, तीन नगरनिगम है. इस हिसाब से तो यहाँ एक भी टूटी सड़क या गड्ढा नहीं होना चाहिये? लेकिन गली मोहल्लों की सैकड़ों सड़के बेकार हालत में है. जो समय समय पर बनती भी है, रिपेयर भी होती है. हाँ दिल्ली की मुख्य सड़के आपको चमचमाती हुई मिलेंगी. जिनसे दिल्ली की पहचान है.

अब ये हाल तो एक शहर दिल्ली का है, तो मध्य-प्रदेश तो देश का सबसे बड़ा राज्य है. दर्जनों जिले है. अब आप शिवराज सिंह को झुठलाने के लिये 25-50 खराब सड़कों को रोना रोने लगो तो ये आपकी बेवकूफी ही होगी.

कांग्रेसियों को फर्क देखना है तो दिग्विजयसिंह के शासन के समय की सड़कों से आज की सड़कों की तुलना कर लें! पूरे प्रदेश में बिना गढ्ढे वाला 100 मीटर का टुकड़ा भी नहीं था. वहीं आज ये हालत है कि एक मुख्यमंत्री अमेरिका से तुलना करने की हिम्मत तो रखता है क्योंकि उसके जेब में माल है.

काँग्रेस इस मामले में शिवराज सिंह का जितना विरोध करेगी उतने ही उनके पाप सामने आयेंगे. भूखे मारने वाले आज इस बात का विरोध कर रहे हैं कि तीन टाईम खाना क्यों दिया जा रहा है, लोगों का डायजेशन खराब हो रहा है.

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