सऊदी अरब सोफिया नाम के रोबोट को अपने देश की नागरिकता देकर दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने किसी रोबोट को अपने देश की नागरिकता दी है. नागरिकता मिलने के बाद सोफिया ने पूरे देश का आभार माना.
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि देश को आधुनिक बनाने के लिए वो उदार इस्लाम की वापसी चाहते हैं, ‘सोफिया’ इस मामले में हमारी मदद करेगी…
दूसरी ओर लाखों रोहिंग्या शरणार्थी म्यांमार से खदेड़े जाने के बाद नागरिकता के लिए पूरी दुनिया में मारे-मारे फिर रहे हैं… 56 मुल्कों का दम भरने वाली कौम का कोई देश इस रोहिंग्या नामक गन्दगी को अपने देश में आने तक नहीं दे रहा… नागरिकता देकर अपने देश में बसाना तो बहुत दूर की बात है…
कारण रोहिंग्याओं का बर्बर, आतंकी, नरभक्षी होने का घिनौना इतिहास, मातृभूमि के साथ दगा करने और सुअरों की तरह बच्चे पैदा करने की प्रवृत्ति ने इनको पूरी दुनिया में अछूत बना दिया हैं…
पर भारत के कुछ लिबरल, सेकुलर के साथ औवेसी, ममता, मायावती और थरूर जैसे राजनेता इस गंदगी को देश में नागरिकता देकर बसाने पर आमादा है… जबकि हमारा देश पहले ही जनसंख्या की अधिकता, बेरोज़गारी, गरीबी, आंतकवाद से ग्रस्त हैं…
ऐसे में रोहिंग्याओं के बसने से समस्या और बढ़ेगी… जबकि सऊदी अरब में न सिर्फ जनसंख्या की कमी है बल्कि हजारों वर्ग किलोमीटर जगह खाली पड़ी हुई है और लाखों कामगार वहां रोज़गार करने के लिये जाते हैं… बावजूद इसके सऊदी अरब ने अपने सहधर्मियों को अपने देश की नागरिकता नहीं दी.
जबकि रोहिंग्या शरणार्थी साऊदी अरब के व्यापारियों और बांग्लादेशी महिलाओं से अपनी उत्पत्ति मानते है… पर आज न तो बांग्लादेश और न सऊदी अरब इनको अपने यहां रखने को तैयार हैं…
बांग्लादेश इनको भारत की ओर धकेल रहा है तो सऊदी अरब इनकी बजाय एक रोबोट को अपने देश की नागरिकता दे रहा है…
सबसे अधिक आश्चर्यजनक बात को यह है कि ज़रा-ज़रा सी बात पर ‘मिथुन की बहन खतरे में है’ के नाम पर फरमान जारी करने वाले इस सारे घटनाक्रम पर मुंह में दही जमाये चुपचाप बैठे हैं… और लाखों गर्भवती रोहिंग्या महिलाओं की जगह एक रोबोट महिला को सऊदी अरब का ‘नागरिक’ बनने का दूर बैठकर तमाशा देख रहे हैं!