मोदी की हिमाकत : बंद कर रहे चोरी के हर रास्ते

ये किस्सा पिछले महीने का है. योगी राज में हमारे गांव के बगल के एक गांव (ज़िला गाज़ीपुर, यूपी) में एक घटना घटी. PDS के सस्ते राशन की दूकान वाले ने और ग्राम प्रधान जी ने PDS का सारा राशन बेच खाया.

अनाज जब एक पिकअप पर लद के चला तो गांव की ही एक विरोधी पार्टी ने थाने को खबर कर दी. पुलिस ने नाका लगाया और पिकअप को पकड़ के थाने ले आये. अब उस पिकअप को छुड़ाने में सारे स्थानीय रसूखदार नेता लिपट पड़े.

लगी होने पैरवी… उधर डिपो वाले और ग्राम प्रधान जी ने उस पिकअप और उस पर लदे राशन से पल्ला झाड़ लिया. साफ मुकर गए कि ये तो हमारा राशन है ही नहीं… हमने तो वो कब का लाभार्थियों को बांट दिया.

विरोधी पार्टी DM साहब के पास जा पहुंची. DM ने जांच बैठा दी और पूरे दल बल के साथ उस गांव में स्वयं आ धमके.

पूरा गांव जुटा. और पूरे गांव ने हाथ मे गंगा जल उठा के सबके सामने गवाही दी कि “सत्यवादी महाराज हरिसचन्नर सिंह और पवित्र आत्मा, दिल्ली की आम अमरूत पाल्टी वाले अढ़बिंद खेजड़ीबाल के बाद अगर कोई ईमानदार इस धरती पर अवतरित हुआ तो यही हमारा राशन डिपो वाला और हमारे ग्राम प्रधान जी… हमको तो जी हर महीने, एकदम टाइम से पूरी राशन मिलता है जी…”

अब ऐसे सत्यवादी गांव में DM साब क्या करते? उठ के अपने मुख्यालय आ गए और रिपोर्ट लगा दी कि माहौल ठीक है.

दूसरी घटना कुछ साल पुरानी है. तब की जब कि कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस वाले ओमर अब्दुल्लाह की सरकार थी.

वहां के PDS मंत्री बेहद ईमानदार माने जाते हैं. कारगिल से चुनाव लड़ते हैं. उनको ये पक्की सूचना मिली कि पंजाब के एक FCI गोदाम से PDS का चावल कश्मीर के लिए चला, पर जहां जाना था वहां पहुंचा नहीं. वो पंजाब की ही एक Rice Mill में खाली हो गया.

मंत्री जी ने तुरंत जांच बैठा दी. जांच में पाया गया कि ट्रक पंजाब से चला. रास्ते में जहां जहां टोल नाके थे वहां बाकायदे उसकी एंट्री पाई गई. उसके बाद पंजाब-जम्मू बॉर्डर लखनपुर में भी उसकी एंट्री दुरुस्त मिली. उसके बाद जहां जहां उस राशन की एंट्री होनी थी, सब रिकॉर्ड दुरुस्त था.

उसके बाद हर उस गांव का, pds के हर उस डिपो का रिकॉर्ड भी दुरुस्त पाया गया. एक एक परिवार ने गवाही दी कि, हां हमको राशन मिला.

जबकि सच्चाई ये है कि वो चावल तो FCI के गोदाम से निकलने के सिर्फ 5 घंटे बाद ही भटिंडा की एक rice mill में खाली हो गया था.

झारखंड के सिमडेगा जिले की एक बेटी की तथाकथित भूख से हुई मौत पर यनडी टीवी पर चिहाड़ मची है.

सारा दोष आधार कार्ड का है. मोदी सरकार चोरी के हर उस रास्ते को बंद करने की हिमाकत कर रही है जिस से चोरी होती है.

देश भर के फोन, बैंक खाते, PAN Card, Ration Card, Driving License यहां तक कि खिलाड़ियों के आई कार्ड तक आधार से लिंक किये जा रहे हैं जिससे कि अधिक उम्र के खिलाड़ियों को जूनियर और सब जूनियर, कैडेट प्रतियोगिताओं में भाग लेने से रोका जा सके.

उसी प्रकार हम तो यहां तक मांग करते हैं कि वोटर ID Card को भी आधार से लिंक किया जाए.

उधर यनडी टीवी सभी समस्याओं की जड़ आधार को ही बता रहा है. सिमडेगा में हुई मृत्यु को आधार कार्ड मौत बताया जा रहा है जबकि जांच रिपोर्ट में पाया गया कि मृत्यु बीमारी से हुई. लड़की को मलेरिया था.

एक दूसरा एंगल ये भी निकल के आया है कि राशन डिपो वाले की एक विरोधी पार्टी ने उस से बदला लेने को बीमारी से हुई मृत्यु को, भूख से हुई मृत्यु बता के हंगामा खड़ा किया है.

राशन की चोरी होती है, सिमडेगा में भी हुई होगी. पर उस चोरी को रोकने का एक उपाय आधार से लिंक करना भी है. जानबूझ के आधार को बदनाम करना बंद करो.

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