पूरन दा की पत्नी को लक़वे का अटैक आ गया. ठोड़ी टेढ़ी हो गयी. बायीं आँख खुली की खुली रह गयी. चेहरा विकृत हो चला, होंठ एक ओर भिंच गये.
मैं घबरा गया कि क्या करूँ, आर्थिक स्थिति भी सही नहीं थी. महाराज को स्मरण करने के सिवा मेरे पास कोई चारा नहीं था. दशा ख़राब होता गयी आँख की पुतली में सफ़ेदी आ गयी.
डाक्टरों ने कह दिया कि लाईलाज बीमारी है. रात को निराश लेटे हम महाराजजी का स्मरण कर रहे थे. न जाने कब हम गहरी नींद में चले गये.
पर चार बजे सुबह पत्नी बोल उठी, “अरे महाराजजी के नहाने के लिये गरम पानी करना है.” (हम दोनों रात भर स्वप्न में बाबा के साथ थे). आवाज़ सुनकर जागे तो देखा कि प्रभु तो कहीं नहीं है. पर देखा कि पत्नी कि आँख झपकनी शुरू हो गयी. ठोड़ी धीरे धीरे अपने स्थान पर आ गई.
अब एक ही चीज़ रह गयी पुतली में सफ़ेदी तथा होठों का टेढ़ापन. डाक्टर को विश्वास नहीं हुआ. मैं बोला – “ये तो बस उनकी कृपा का फल है.” मैंने पुतली की सफ़ेदी हेतु दवाई माँगी तो उसने कहा कि काला टैटू करवा लो.
न जाने क्या हुआ कि मैंने बाबा का स्मरण कर डाक्टर से एट्रोपिन की शीशी माँग ली. डाक्टर हँसते हुए बोला, “इससे क्या होगा.” घर आकर मैंने पत्नी की आँख में एट्रोपिन डाल दी. २, ३ घण्टे में आँख की सफ़ेद धुंध भी ग़ायब हो गयी. डाक्टर हैरान, बाबा लीला कर रहे थे.
परन्तु चेहरा अभी भी श्रीहीन था और मुंह भी टेढ़ा था. १०, १२ दिन बाद महाराज स्वंय हमारे घर पधारे. उसी समय कमला जी बाहर पानी लेने निकली.
प्रभु को देखा तो प्रणाम करने झुकी ही थी कि बाबा ने उनके चेहरे पर हाथ फेरते हुए पूछा, “बहू क्या हो गया था तुझे?”
बस इतने में ही बाक़ी उपचार हो गया. सम्पूर्ण मुखमण्डल में कांति आ गयी. बाबा तो लीलाधारी है, भगवान है, सब रोग दूर करते हैं. बस समय लगता है, कर्म भोग तो कुछ भोगने है, पर डरना नहीं, समय आने पर प्रभु स्वयं आते हैं और समस्त रोग समाप्त कर देते हैं.
अनंत कथामृत नीम करौली बाबा
नीम करौली बाबा के चमत्कार : स्वप्न में बताई दवाई और बच गयी जान
जय नीब करौरी बाबा ♥️🙏
Aapne bahut hi achhi post ko share kiya hain Dhnyabad.