भानुमति-1 : सब खत्म हो गया कृष्ण, पांडव नहीं रहे!

युवराज युधिष्ठिर के बुलावे पर कृष्ण अपने मित्र ब्राह्मणश्रेष्ठ श्वेतकेतु और सात्यक पुत्र युयुधान जिन्हें सात्यकि के नाम से जाना जाता है और जिन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धरों में से एक माना जाता है, के साथ हस्तिनापुर की यात्रा पर हैं और अभी पुष्कर तीर्थ पर पड़ाव डाले हुए हैं. कृष्ण के चचेरे भाई और … Continue reading भानुमति-1 : सब खत्म हो गया कृष्ण, पांडव नहीं रहे!