Secret Superstar : बुरके की कैद से बाहर आया ‘बुलबुला’

Sectre Superstar

संगीतकार शक्ति कुमार इंसिया को सोड़ा वॉटर का ग्लास दिखाते हुए कहता है ‘ टैलेंटेड बच्चे इन बुलबुलों जैसे होते हैं. उनको किसी सपोर्ट की जरूरत नहीं होती. वे अपने आप ऊपर आते हैं’. इंसिया वो प्रतिभाशाली बुलबुला है जिसे उसका जाहिल बाप बुर्के की घुटन में मार देना चाहता है.

निश्चित ही आमिर खान प्रोडक्शन मुस्लिम समाज की बुरका मानसिकता पर Secret Superstar फ़िल्म से प्रहार करना चाहता था और उसने ठीक ऐसा ही किया है. एक दृश्य में इंसिया की अम्मी नज़्मा कहती है ‘ इस बुरके से मैं जिंदगी भर बाहर नहीं आ सकी न तू कभी आ सकेगी’. एक जीती जागती स्त्री को काले लबादे में कैद करने को लेकर कई फिल्मे बनी होंगी लेकिन ये फिल्म मौलवियों में गजब की बेचैनी पैदा करने में सफल हो रही है.

मीडिया के नीति-नियंताओं को मालूम नहीं था कि ये फिल्म मुस्लिम समाज में एक आम स्त्री की दशा का इतना सजीव चित्रण करेगी कि चर्चा का विषय बन जाएगी . सीक्रेट सुपरस्टार प्रदर्शित होने के बाद एक ऐसी मछली बन गई है जो मीडिया न उगल पा रहा न निगल पा रहा.

फिल्म की समीक्षा के साथ पहले ही जोड़ दिया कि फिल्म धीमा बिजनेस करेगी और दूसरे ही दिन गोलमाल अगेन को उठाने के प्रयास शुरू कर दिए गए. मेरे ही पास बैठे एक मुस्लिम दंपति इंटरवल के बाद वापस ही नहीं आए. सही है पतिदेव को लगातार चाबुक जो पड़ रहे थे. केआरके इस फिल्म का इतना तीव्र विरोध क्यों करते हैं कि उनका ट्विटर अकॉउंट सस्पेंड कर दिया जाता है. क्योंकि फिल्म ख़ासतौर पर मुस्लिम समाज की पुरुषवादी सोच को कटघरे में रखती है और केआरके ये सह नहीं पाए.

फिल्म निर्देशक अद्वैत चंदन इससे पहले धोबी घाट बना चुके हैं लेकिन मुख्यधारा के सिनेमा से वे इस फिल्म द्वारा जुड़े हैं. वड़ोदरा की एक मुस्लिम स्कूली लड़की की कहानी के जरिये उन्होंने मुस्लिम समाज के अधिकांश पुरुषों की जाहिलियत पर जोर का प्रहार किया है.

बच्ची नैसर्गिक कलाकार है लेकिन बाप कम उम्र में ही उसकी शादी दुबई में कर देना चाहता है. पढ़ा भी रहा है तो इसलिए कि ऊँचे घर में रिश्ता हो जाए. टेस्ट में अच्छे नंबर नही आते तो बेटी का गिटार तोड़ देता है. जब बेगम को बेदर्दी से मारता है तो घर की चारदीवारी भी सहम जाती है. फिल्म के कई दृश्य मुझे बहुत साहसिक लगे. जैसे फिल्म के अंत में इंसिया अपना बुरका उतार फेंकती है. ये दृश्य पूरी फिल्म का सार है कि किस तरह एक बच्ची अपने घर के नाज़ायज़ फरमान मानने से इंकार कर देती है.

आमिर खान इस फिल्म में बहुत कम समय के लिए दिखाई दिए हैं. उनका किरदार एक ऐसे संगीतकार का है जो इंसिया को ब्रेक देने के साथ उसको अपने पिता से आजाद करवाने में मदद कर रहा है. निर्देशक ने आमिर से ज्यादा फुटेज जायरा वसीम को दिया है और उस नन्ही कलाकार ने पूरी फिल्म अपने नाजुक कन्धों पर ढोई है.

आमिर से कहीं ज्यादा बेहतर अभिनय नज़्मा का किरदार निभा रही मैहर विज ने किया है कहने में कोई शक नहीं है कि फिल्म एक सामाजिक मुद्दे को पूरी ताकत के साथ उठाती है. हालांकि अब तक फिल्म को ठंडा रिस्पॉन्स मिला है. गोलमाल अगेन एक मनोरंजक फिल्म है और दीपावली रिलीज के लिए एकदम फिट है इसलिए Secret Superstar को दर्शक कम मिल रहे हैं.

क्यों भड़क रहा एक वर्ग विशेष

फिल्म में इंसिया की दोस्ती एक गुजराती लड़के चिंतन से हो जाती है जो उसे सीक्रेट सुपरस्टार बनने में मदद करता है. इनमें आपसी आकर्षण दिखाया गया है. इंसिया उसके प्रेम प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लेती है. हालांकि ये प्रसंग बहुत लाइट नोड पर दिखाया गया है जैसा कि किशोरावस्था में होता है लेकिन लड़का गुज्जु होने से कुछ लोगों को परेशानी हो रही है.

भीड़ कम होने का एक कारण और भी है और वो है फिल्म को चुपके से किनारे करने का प्रयास. मुझे हैरानी नहीं होगी कि एक समाज विशेष को ज्वलंत मुद्दे पर घेरने वाली फिल्म को एवरेज बताकर किनारे लगा दिया जाए.

बहरहाल आपके सामने दो विकल्प हैं. गंभीर मुद्दे पर मनोरंजन चाहिए तो Secret Superstar बेहतर विकल्प है. आमिर का घोर विरोधी मैं भी हूँ लेकिन इस बार उनका ये प्रयास सराहकर आप एक वर्ग विशेष के लिए बरनाल की व्यवस्था तो कर ही सकते हैं. गोलमाल अगेन की फुलझड़ी समीक्षा जल्द ही पेश होगी.

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