माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मेकिंग इंडिया परिवार की ओर से दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की यह कविता समर्पित है.
सच है, विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती है,
सूरमा नहीं विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं
पीसा जाता जब इक्षु-दंड,
झरती रस की धारा अखंड,
मेहँदी जब सहती है प्रहार
बनती ललनाओं का श्रृंगार
जब फूल पिरोये जाते हैं,
हम उनको गले लगाते हैं
वसुधा का नेता कौन हुआ?
भूखंड विजेता कौन हुआ?
अतुलित यश-क्रेता कौन हुआ?
नव-धर्म-प्रणेता कौन हुआ?
जिसने न कभी आराम किया,
विघ्नों में रहकर नाम किया…
- रामधारी सिंह ‘दिनकर’
‘परिवार के साथ दिवाली मनाना चाहता हूँ, इसलिए सैनिकों के बीच आता हूँ’