काली चौदस, नरक चतुर्दशी के पीछे तो बहुत सारी कहानियां मिल जाएँगी. लेकिन यदि किसी से पूछिए कि इसे रूप चौदस क्यों कहा जाता है तो किसी के पास इसका जवाब नहीं. लेकिन आपने यह अवश्य देखा होगा कि हिन्दू त्यौहारों में अधिकतर परम्पराएं ऐसी होती हैं जो मन को सात्विक, आत्मा को उन्नत और देह को स्वच्छ, स्वस्थ और सुन्दर रखने को प्रेरित करती हैं.
उनमें से ही एक है रूप चौदस. बचपन से ही माँ इस दिन सुबह चार बजे उठा देती थीं. पापा पता नहीं कौन सा उबटन बाज़ार से एक दिन पहले ही खरीद लाते थे. जिसमें से चन्दन की खुशबू आती थी. साल भर लाइफबॉय साबुन से नहाने वाले हम उस एक रोज़ खुशबूवाले उबटन से ही इतने प्रसन्न हो जाते थे कि फिर हमको कभी आजकल के बच्चों की तरह परफ्यूम और डियो न मिलने पर कोई मलाल नहीं होता था.
हाँ गर्मियों की छुट्टियों में कभी कभी माँ बेसन में हल्दी और मलाई लगाकर ज़रूर रगड़ देती थी. सर में हमेशा नारियल तेल लगाया जाता था और स्कूल के लिए दो चोटी कस के बाँध दी जाती थी. जिससे बाल उलझते नहीं थे तो टूटते नहीं थे. और सर तो हमेशा से ही शिकाकाई साबुन से धोते आए हैं. घर में शैम्पू आ जाना तो लग्ज़री थी. शैम्पू आता भी था तो उसमें पानी मिलाकर दिया जाता था ताकि dilute हो जाने पर सब भाई बहनों को काम आ जाए.
लेकिन बावजूद इसके ना कभी बाल रूखे और बेजान हुए, ना कभी चेहरे पर एक पिम्पल ही उगा. ये तो अब तरह तरह के साबुन शैम्पू, कंडीशनर, परफ्यूम, जेल लगा लगाकर केमिकल से त्वचा और बालों का सत्यानाश कर दिया.
एक बार फिर अक्ल ठिकाने आई. इन सब चीज़ों का उपयोग बंद किया. अलसी का तेल लगाती हूँ बालों में, चेहरे पर घर पर बने उबटन. हाँ शैम्पू ज़रूर पतंजलि का उपयोग करती हूँ ताकि बाबा रामदेव की राष्ट्रहित के लिए समर्पित इस संस्था को सहयोग मिले.
बाकी वज़न कम करने का अंतिम उपाय श्रृंखला में मैंने बहुत सारी बातें बताई हैं. जिसे आप इस लिंक पर पढ़ सकते हैं. हाँ उबटन बनाने की कुछ विधियां बता रही हूँ, जिनमें से आपको कुछ दादी, नानी और माँ ने बताई होंगी… कुछ मेरी अपनी उपयोग की हुई है. बिना अनुभव के तो मैं कोई उपाय बताती ही नहीं.
1. बेसन का उबटन बहुत कॉमन है, इसमें आप हल्दी, चंदन पाउडर, गुलाबजल और दूध मिलाकर उबटन तैयार कर सकते हैं.
2. पिसी मसूर दाल में बेसन, बादाम चूरा, पिसे कच्चे चावल, गुलाबजल या दही मिला लें. ये स्क्रबर की तरह काम करता है.
3. बेसन, गेहूं का आटा, नींबू का रस, ककड़ी का रस, आलू का रस, मलाई, चुटकी भर हल्दी, सबको मिलाकर पेस्ट बना लें.
4. बादाम को रातभर क्रीम में भिगोकर रखें, अगले दिन तिल का तेल और तुलसी पाउडर इसमें मिलाएं. त्वचा मुलायम और खुशबूदार होगी.
5. पीसी उड़द दाल में चुटकी भर हल्दी और मलाई डालकर उबटन बनाएं.
6. जौ के आटे में हल्दी और कच्चा दूध मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे उबटन की तरह लगाएं.
7. ग्लिसरीन, नींबू का रस और गुलाबजल को समान मात्रा में लेकर मिलाकर लगाने से ठण्ड में त्वचा फटती नहीं हिया.
8. कच्चे दूध में नीबू का रस डालकर उसे फाड़ लें, फिर इसे चेहरे पर लगाकर कुछ देरक के लिए छोड़ दें.
9. अंडे की सफेदी में शहद, मलाई मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाएं और चेहरे व गले पर लगाएं. बदबू मिटने के लिए इसमें थोड़ा सा इतर दल सकते हैं.
10. ताज़े फलों के छिलकों से बढ़िया तो कुछ नहीं है चेहरे की कांतिमय बनाने के लिए.
11. पपीते में टमाटर का रस मिलाकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाइए.
12. मुल्तानी मिट्टी के उबटन आपने खूब लगाए होंगे. इसमें थोड़ा सा अलसी का तेल मिलाकर लगाने से चेहरे का रूखापन चला जाता है.
13. सूजी में थोड़ी सी मलाई और शहद मिलाकर लगाने से भी चेहरे की मृत त्वचा निकल जाती है.
14. सबसे अंत में आता है मेरा प्रिय एलोविरा जिसका पल्प आप सीधे चेहरे पर दिन में तीन चार बार लगाइए और कुछ देर में मुंह धो लीजिये.
लीजिये तैयार हैं आप दिवाली पर दुनिया की सबसे सुन्दर लड़की का कॉम्प्लीमेंट पाने के लिए.