नई दिल्ली. तीन दशक बीत जाने के बाद भी बोफ़ोर्स घोटाला कांग्रेस के गले की फांस बना हुआ है. अब सीबीआई ने कहा है कि इस घोटाले में प्राइवेट जासूस माइकल हर्शमैन द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करेगी. प्राइवेट जासूस ने उल्लेख किया है कि तत्कालीन राजीव गांधी की कांग्रेस सरकार ने उनकी जांच में गड़बड़ी पैदा की थी. वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. टीवी चैनलों को दिए गए हर्शमैन के इंटरव्यू का हवाला देते हुए स्मृति ने दावा किया कि राजीव गांधी की अगुवाई वाली सरकार ने उसकी बोफोर्स घोटाला की जांच में रोड़े अटकाए थे.
उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी सरकार में वित्त मंत्री रहे वीपी सिंह ने हर्शमैन की जासूसी फर्म की सेवाएं ली थी. इस बात का पता चलने के बाद राजीव गांधी अत्यंत क्षुब्ध हुए थे.
[उस पाकिस्तानी से मुलाकात के बाद राजीव गांधी ने क्यों रोक दी थी स्विस बैंक के खिलाफ कार्रवाई]
अमेरिका स्थित प्राइवेट जासूसी फर्म फेयरफैक्स के अध्यक्ष हर्शमैन ने हाल ही में एक टीवी साक्षात्कार के दौरान दावा किया कि एक स्विस बैंक खाता मोंट ब्लैंक सामने आने के बाद राजीव गांधी क्रोधित हो गए थे. पिछले सप्ताह प्राइवेट जासूसों के एक कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए हर्शमैन नई दिल्ली पहुंचे थे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बोफोर्स घोटाला में ली गई रिश्वत की राशि स्विस खाते में रखी गई थी.
सीबीआई के सूचना अधिकारी एवं प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने एक बयान में कहा है, ‘कुछ टीवी चैनलों पर प्रसारित बोफोर्स से संबंधित बातों को एजेंसी ने ध्यान में लिया है. चैनलों पर माइकल हर्शमैन का साक्षात्कार प्रसारित हुआ था. साक्षात्कार में जिन तथ्यों और परिस्थितियों का उल्लेख किया गया उसे सीबीआई उचित प्रक्रिया में देखेगी.’
बोफोर्स मामले में माइकल हर्शमैन के खुलासे को लेकर स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर निशाना साधा. मोदी सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने टीवी चैनलों को दिए गए हर्शमैन के इंटरव्यू का हवाला देते हुए दावा किया कि दिवंगत कांग्रेस नेता राजीव गांधी की अगुवाई वाली सरकार ने उसकी बोफोर्स घोटाले की जांच में रोड़े अटकाए थे.
ईरानी ने कांग्रेस से पूछा कि हर्शमैन के दावे के अनुसार वह पाकिस्तानी नागरिक कौन है, जिसने राजीव गांधी से मुलाकात की. उसके दिए ब्रीफकेस में क्या था. ईरानी ने कहा कि इन सवालों का जवाब कांग्रेस को देना चाहिए. ईरानी ने हर्शमैन के इंटरव्यू के उस पार्ट का जिक्र किया जिसमें बोफोर्स मामले में पाकिस्तानी कनेक्शन होने की बात सामने आई है. स्मृति ईरानी ने बताया कि माइकल हर्शमैन ने ये भी दावा किया है कि उनको कई बार बोफोर्स पर घूस देने की कोशिश की गई और जान से मारने की भी धमकी दी गयी.
बीजेपी के केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि माइकल हर्शमैन ने दावा किया है कि उससे कॉन्टेक्ट उस समय के वित्त मंत्री वीपी सिंह ने किया. हर्शमैन के अनुसार वीपी सिंह उस समय कांग्रेस नेताओं और मंत्रियों द्वारा किए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की जांच एक स्वतंत्र संस्था से करवाना चाहते थे.
बीजेपी के केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि निजी जासूसी एजेंसी फेयरफैक्स के अध्यक्ष हर्शमैन ने दावा किया है कि जब वह इस मामले में बैंकों की छानबीन कर रहे थे. उस समय जांच में BCCI बैंक ऑफ क्रेडिट एंड कॉमर्स इंटरनैशनल नाम के बैंक का खुलासा हुआ. इसे एक पाकिस्तानी फाइनेंसर ने 1972 में बनाया था. इंटरनेट में जानकारी के मुताबिक यह बैंक वित्तिय क्राइम और कालाधन से संबंध रखती थी.
ईरानी ने बताया कि हर्शमैन ने दावा किया कि उनकी जांच में सामने आया कि स्विट्ज़रलैंड में कुछ बैंकों में जो धनराशी जमा की जा रही थी, यह धनराशी आर्म्स डील बोफोर्स में मिल रहे घूस का पैसा था. इस बात की जानकारी उसने वीपी सिंह को दी. वीपी सिंह ने जांच जारी रखने को कहा था. हर्शमैन ने दावा किया कि यह बोफोर्स का पैसा था, इसका उनके पास सबूत है. हर्शमैन ने दावा किया कि भारत सरकार और सीबीआई के पास उस जांच से संबंधित जानकारी पहुंचाई थी.
स्मृति ने बताया कि हर्शमैन ने दावा किया कि उन्हें एक आर्म्स डीलर अदनान किशोगी के माध्यम से वीपी सिंह को फर्जी बैंक अकाउंट के माध्यम से फंसाने को भी कहा गया. ईरानी ने जानकारी दी कि हर्शमैन के अनुसार राजीव गांधी को इस जांच के बारे में BCCI के माध्यम से जानकारी मिली. वहीं जब सीबीआई ने BCCI के मुंबई ब्रांच पर रेड डालकर उसे बंद कर दिया. तब एक पाकिस्तानी व्यक्ति राजीव गांधी से एक बड़े ब्रीफकेस के साथ मिला और 24 घंटे के अंदर यह बैंक वापस खुल गया.
स्मृति ने बताया कि हर्शमैन ने यह दावा टीवी चैनल के साथ न्यूजपेपर में भी छपे इंटरव्यू में किया है. स्मृति ने कांग्रेस से उस पाकिस्तानी व्यक्ति का खुलासा करने, वीपी सिंह को क्यों फर्जी केस में फंसाने का प्रयास किया गया, का जवाब देने की मांग की.
स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस का प्रशासनिक इतिहास इस बात का गवाह है कि वह खुद भ्रष्टाचार करेंगे और जो लोग इसके खिलाफ आवाज़ उठाएंगे उन्हें या तो धमकाया जाएगा या पैसों से मुंह बंद रखने की कोशिश होगी.