एक दिन स्वामी ध्यान विनय के सामने एक प्लेट में चाट बनाकर रख दिया. जैसी कि उनकी आदत है खाने से पहले उसके Ingredients अवश्य पूछेंगे ताकि पता चले ज़बान को चटखारे के अलावा पेट को पोषण मिल रहा है या नहीं?
तो बताया गया ये दाल पकवान है. अब पकवान सुनकर उन्हें तो 56 पकवान से सजी थाली याद आ रही थी. लेकिन छोटी सी प्लेट में चाट की सूरत देखकर कहने लगे इसमें दाल तक तो है नहीं फिर पकवान कैसे हुआ?
भाई इसमें दाल भी है चटनी भी है, मैदे की पपड़ी भी, प्याज और दही भी है. और भी बहुत सारी पाचक चीज़ें हैं. आप तो बस भोग लगाइए जी 56 पकवान का स्वाद एक ही व्यंजन में आ जाएगा.
तो जैसी उम्मीद थी, मुंह से तारीफ़ तो नहीं निकली लेकिन चेहरे से दाल पकवान खाने के बाद जो आनंद टपक रहा था वो मैंने देख लिया. मुझे ऐसे देखते हुए देखा तो कहने लगे आप इसकी रेसिपी मेकिंग इंडिया में क्यों नहीं पब्लिश करती. मैंने कहा- की थी, पिछले साल की वेबसाइट में. वो तो उड़ गयी. साथ में मेरी सारी रेसिपी भी छूमंतर हो गयी. अब इस बार दिवाली पर नए सिरे से लिखूँगी.
तो दिवाली व्यंजन की श्रृंखला में सबसे पहले प्रकाशित की गुजरात की चोराफड़ी. आज सुबह सुबह विचार आया एक गुजराती डिश तो हो गयी, अब आज सिंधी व्यंजन दाल पकवान प्रकाशित किया जाए.
और फिर जैसा मेरे साथ अक्सर जादू होता है, वैसा ही कुछ हुआ. मेरी सखी अनिता वर्मा ने आज मुझे एक रेसिपी दी. जैसे ही मैंने उसे पढ़ा हर बार की तरह मैं फिर अचंभित हुई और मेरे मुंह से खुशी से एकदम ज़ोर से निकला – “अरे वाह”.
सब घर भर के लोग इकट्ठे हो गए… क्या हुआ??
ऐसे में मेरे मुंह से अक्सर निकलता है … “लड़का”… लेकिन इस बार मैंने कहा… दाल पकवान हुआ.. और फिर सबको किस्सा सुनाया दाल पकवान का.
अब एक राज़ की बात.. दाल पकवान कहकर जो मैंने स्वामी ध्यान विनय को खिलाया था उसमें ज़रा चीटिंग कर दी थी. घर में लौकी चने की दाल की सब्ज़ी बनी थी. उसी में मैदे की पपड़ी डालकर चाट बनाकर खिला दी थी उनको. अपने बच्चों के साथ भी इस तरह के प्रयोग मुझे अक्सर करना पड़ते हैं. यदि उनको सीधे लौकी चने की दाल और रोटी कहो तो मुंह बना लेते हैं. तो कभी कभी इस तरह से बच्चों को बहलाना पड़ता है.
लेकिन आप चिंता मत कीजिये आपको लौकी चने की दाल की सब्ज़ी वाला दाल पकवान नहीं खिलाऊँगी. बल्कि सखी अनिता वर्मा द्वारा भेजी गयी वास्तविक दाल पकवान की रेसिपी बताऊंगी. तो लीजिये पढ़िए दाल पकवान की रेसिपी.
दाल पकवान
दाल के लिये सामग्री-
चना दाल- एक कटोरी
मूंग धुली दाल- आधा कटोरी
कुटी लाल मिर्च- एक टी स्पून
पिसा धनिया- एक टी स्पून
हल्दी पिसी- आधा टी स्पून
भुना जीरा- एक टी स्पून
अमचूर या इमली का पल्प – एक टेबल स्पून
पिसा नमक- स्वादानुसार
तड़के के लिये –
एक बड़ा चमचा देसी घी
चार साबुत लाल मिर्च
चौथाई चम्मच हींग
गार्निश करने के लिये
चौकोर कटा प्याज
हरी मिर्च
हरा धनिया
पकवान सामग्री
मैदा – दो कटोरी
देसी घी मोइन के लिये- डेढ़ टेबल स्पून
अजवाइन- एक टी स्पून
नमक- एक टी स्पून
तलने के लिये तेल
दाल बनाने की विधि
चना दाल आधा घंटा पहले भिगो दें फिर कुकर में मूंग दाल व चना दाल मिला हल्दी नमक डाल चढ़ा दें.
पानी इतना ही डालें कि दाल गाढ़ी बने पतली दाल स्वाद खराब कर सकती है.
पहले दो सीटी लें फिर सिम आंच पर ती मिनट और पका लें.
अब दाल को किसी बर्तन में निकाल ऊपर से लाल मिर्च, सूखा धनिया, भुना जीरा, अमचूर पावडर डालें (मिलाना नहीं है).
तत्पश्चात हींग और साबित लाल मिर्च का तड़का बना कर जो मसाले दाल पर डाले थे उन पर डाल दें वह इसी तड़के की गर्मी से पक जायेंगे फिर ऊपर से कटा प्याज, हरी मिर्च, हरा धनिया डाल कर गार्निश कर दें.
पकवान बनाने की विधि
मैदे में अजवाइन, नमक, देसी घी डाल कर मिलायें और पराठे के आटे जैसा गूथ लें.
पंद्रह से बीस मिनट रखा रहने दें अब उसकी लोइयां काट लें और रोटी के साइज व मोटाई की बेलें.
पकवान में छेद करें ताकि वह फूले नहीं फिर मध्यम आंच पर कढ़ाई में दबा दबा कर गोल्डन होने तक सेंक लें ध्यान रहे बहुत खरी नहीं सेकनी हैं.
नोट- इसके साथ चटनी (पुदीने, धनिये या आम की) परोसें.
अमचूर की जगह अगर इमली का पल्प डालें तो दाल पक जाने के बाद पूरी दाल में डाल कर मिला लें और उसके बाद ही ऊपर से मसाले डालें.
पकवान पहले बना कर भी कैसरोल में रखे जा सकते हैं और कई दिन तक उपयोग कर सकते हैं. हां दाल ताजी ही उपयोग करें.
– अनीता वर्मा (अनीता वर्मा के हाथों की सिंधी कढ़ी खाना हो तो नीचे लिंक पर क्लिक करें )
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