कुछ व्यक्ति न जाने किस मिट्टी के बने होते हैं, उनका चाहे जितना तिरस्कार करो वो अपनी आदतों से बाज ही नहीं आते. उनमें से एक हैं राजदीप सरदेसाई.
MSM में जब से चिल्ला चिल्लाकर अपनी बात रखने का बेहूदा चलन शुरू हुआ है तब से पत्रकारों को चिल्लाने की ऐसी आदत हो गयी है, कि वो अब विनम्रता भी भूलते जा रहे हैं. उन्हें इस बात का भी होश नहीं रहता कि अपनी बात को फूहड़ तरीके से रखने से पहले ये तो देख लें कि वो किससे संबोधित है.
विदेश में बीच चौराहे पर थप्पड़ खाने वाला यह आदमी जब भी मुंह खोलता हैं उसके मुंह से नफरत और फूहड़ता ही निकती है. ये तो मोदीजी की सज्जनता थी कि चलते हेलिकॉप्टर से बाहर निकलने को नहीं कह दिया. लेकिन पूर्व राष्ट्रपति माननीय प्रणव मुखर्जी ने राजदीप सरदेसाई को न सिर्फ उसकी औकात दिखाई बल्कि MSM को अप्रत्यक्ष रूप से यह सन्देश प्रेषित किया कि ये तुच्छ भाषा और फूहड़ व्यवहार अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
पत्रकारिता की गरिमा का स्तर दिन ब दिन गिराने वाले ये वामपंथी पत्रकार वास्तव में भारत माँ की संस्कारी मिट्टी से तो बने ही नहीं, बल्कि किसी भी मिट्टी के नहीं बने. क्योंकि मिट्टी से जुड़ा इंसान संस्कारों से भी जुड़ा होता है. और राजदीप सरदेसाई जानते ही नहीं संस्कार क्या होते हैं. इसलिए जब उन्होंने प्रणव जी का इंटरव्यू लेते समय उनको बीच में टोका तो प्रणव जी ने उनको बीच में टोकने के लिए फटकार लगाते हुए कहा कि –
ये मत भूलो कि तुम एक पूर्व राष्ट्रपति से संबोधित हो. मुझे टीवी पर आने का कोई शौक नहीं, मुझे आमंत्रित किया है, तो आया हूँ. ज़रा शालीनता से पेश आओ और आवाज़ ऊंची करने की ज़रुरत नहीं.
यह वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह वायरल हो रहा है. इसे अधिक से अधिक शेयर करें और इन वामपंथी पत्रकारों का वास्तविक चरित्र लोगों को दिखाएँ. इस वीडियो में देखिये पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कैसे राजदीप सरदेसाई को फटकार लगाई.