इलाहबाद. नोएडा के बहुचर्चित आरुषि तलवार-हेमराज मर्डर केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरुषि तलवार के माता-पिता डॉ. राजेश और नूपुर तलवार को बरी कर दिया है. तलवार दंपति ने सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी. 26 नवंबर, 2013 को उनको सीबीआई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
न्यायमूर्ति बीके नारायण और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र की खंडपीठ दोपहर दो बजे के बाद इस केस में फैसला सुनाया है. तलवार दंपति इस समय गाजियाबाद के डासना जेल में सजा काट रहे हैं. नोएडा के मशहूर डीपीएस में पढ़ने वाली आरुषि तलवार के कत्ल ने पास पड़ोस के लोगों से लेकर पूरे देश को झकझोर दिया था.
इस मामले में आरोपी दंपती डा. राजेश तलवार और नुपुर तलवार ने सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद की ओर से आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील दाखिल की थी. दोनों पक्षों की लंबी बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था. अब गुरुवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए तलार दंपति को बरी कर दिया है.
मालूम हो कि डॉ तलवार की नाबालिग पुत्री आरुषि तलवार की हत्या 15-16 मई 2008 की रात नोएडा के सेक्टर 25 स्थित घर में ही कर दी गई थी. विवेचना के दौरान घर की छत पर उनके घरेलू नौकर हेमराज का शव भी पाया गया था.
15-16 मई, 2008 की दरमियानी रात को आरुषि तलवार की लाश नोएडा में अपने घर में बिस्तर पर मिली. कत्ल के फौरन बाद शक घर के नौकर हेमराज पर जाहिर किया गया. लेकिन अगले दिन जब हेमराज की लाश घर की छत पर मिली तो ये पूरा मामला ही घूम गया.
नोएडा पुलिस दावा किया था कि आरुषि तलवार-हेमराज का कातिल कोई और नहीं बल्कि उसके पिता डॉक्टर राजेश तलवार हैं. इस थ्योरी के पीछे पुलिस ने ऑनर किलिंग की दलील रखी. 23 मई, 2008 को पुलिस ने बेटी की हत्या के आरोप में राजेश तलवार को गिरफ्तार कर लिया.
आरुषि तलवार मर्डर केस की जांच 2008 में सीबीआई को
31 मई, 2008 को आरुषि तलवार-हेमराज मर्डर केस की जांच सीबीआई के हवाले कर दी गई. कत्ल के आरोप में डॉक्टर राजेश तलवार सलाखों के पीछे थे. आरुषि तलवार केस देश भर में सुर्खियां बना हुआ था. तलवार का नार्को टेस्ट हुआ. शक की सुई तब तक तलवार से हटकर उनके नौकरों और कंपाउंडर तक पहुंच गई थी. तलवार परिवार के करीबी दुर्रानी परिवार का नौकर राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया गया.
सबूत मिटाने के दोषी पाए गए तलवार
इस बीच तलवार 50 दिन जेल में गुजार चुके थे. उन्हें जमानत मिल गई. 2010 में दो साल बाद सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी. सुनवाई चलती रही और फिर शक की सुई आरोपों की शक्ल में एक बार फिर तलवार दंपति पर टिक गई. गाजियाबाद कोर्ट ने तलवार दंपत्ति को सबूत मिटाने का दोषी पाया. दोनों के खिलाफ आरुषि तलवार-हेमराज मर्डर केस में शामिल होने के आरोप तय किए गए.
डबल मर्डर के चार साल बाद 2012 में आरुषि तलवार की मां नूपुर तलवार को कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा और फिर जेल जाना पड़ा. नवंबर 2013 में तमाम जिरह और सबूतों को देखने के बाद सीबीआई कोर्ट ने आरुषि तलवार के पिता राजेश और मां नूपुर तलवार को उसकी हत्या के जुर्म का दोषी माना. उनको उम्र कैद की सजा सुना दी गई.
आरुषि तलवार की हत्या के आरोप में 2013 में हुई थी सज़ा
गाजियाबाद स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने 26 नवंबर, 2013 को राजेश और नुपुर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इससे एक दिन पहले इनको दोषी ठहराया गया था. आरुषि तलवार इनकी बेटी थी. राजेश और नुपुर फिलहाल गाजियाबाद की डासना जेल में सजा काट रहे हैं.
न्यायमूर्ति बी के नारायण और न्यायमूर्ति एके मिश्रा की खंडपीठ ने तलवार दंपति की अपील पर सात सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और फैसला सुनाने की तारीख 12 अक्तूबर को तय की थी. उत्तर प्रदेश की तत्काल मुख्यमंत्री मायावती ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी.