वड़ोदरा. आक्रामक होने की कोशिश में अक्सर हास्यास्पद हो जाने वाले राहुल गांधी ने मंगलवार को कुछ ऐसा बोल डाला, जिस पर उनकी पार्टी को सफाई देनी पड़ सकती है. वहीं, उनके इस बयान पर भाजपा की तरफ से उनकी मानसिकता और सोच पर भी सवाल उठना तय है.
भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हमलावर होने के प्रयास में राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस से जुड़े संगठन महिलाओं के साथ भेदभाव करते हैं.
गुजरात के अकोटा में आयोजित एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा, ‘इनका (भाजपा) मेन संगठन आरएसएस है. कितनी महिलाएं हैं आरएसएस में? कभी शाखा में महिलाओं को देखा है शॉर्ट्स (छोटी सी हाफ पैंट) में? मैंने तो नहीं देखा.’
उल्लेखनीय है कि संघ की शाखाओं में खाकी निक्कर पुरुषों के गणवेश का हिस्सा थी. कुछ अरसा पहले इसमें परिवर्तन कर इसकी जगह फुल पैंट को गणवेश में शामिल किया गया है.
राहुल ने कहा, ‘इनकी सोच है कि जब तक महिला चुप रहे, कुछ बोले न, तब तक महिला ठीक है. जैसे ही महिला ने मुंह खोला, उसको चुप करवाओ.’
विधानसभा चुनाव से पहले राज्य का दौरा कर रहे राहुल ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वे महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करेंगे. राहुल ने कहा, ‘हमारा फोकस एजुकेशन, स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी होगा. क्या पीएम नरेद्र मोदी ने आपसे बात करके यह जानना चाहा है कि आपको क्या चाहिए.’
विद्यार्थी संवाद कार्यक्रम में राहुल ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह के बहाने भी सरकार पर कटाक्ष साधा. राहुल ने अमित शाह के बेटे का नाम लेकर स्टार्ट अप इंडिया योजना पर तंज कसा.
उन्होंने कहा, ‘क्या आपने स्टार्ट अप इंडिया सुना है? क्या आपने स्टार्ट अप इंडिया के आइकन जय शाह के बारे में सुना है? लेकिन भारत के चौकीदार इस पर चुप हैं. उन्हें ऐसी चीजों पर बोलना पसंद नहीं है.’
इससे पहले राहुल ने 2014 लोकसभा चुनाव में हार के लिए गलती स्वीकार करते हुए कहा कि बीजेपी की पिटाई ने उनकी आंखें खोल दीं.