आज (9 अक्टूबर) विश्व डाक दिवस (World Postal Day) है. आज के दिन 1874 में 22 देशों के प्रतिनिधियों ने बर्न (स्विट्ज़रलैंड) में Universal Postal Union की स्थापना कर इससे निःसृत संधि-पत्र पर हस्ताक्षर किए थे. हालांकि विश्व डाक दिवस मनाने का फैसला इसी तिथि को 1969 को लिया गया था.
भारत UPU के सदस्य बननेवाला पहला एशियाई देश है. वैसे पूरी दुनिया में कब डाक की शुरुआत हुई, आरंभिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है वैसे कबूतर और संवदिया से संवाद प्रेषण के प्रमाण काफी पुराने हैं और यह देशी पद्धति के अंतर्गत है, तथापि आधुनिक डाक की शुरुआत रेलवे यात्रा के साथ शुरू हुई, जिसे 1850 या इसके आस-पास मानी जा सकती है.
डाक-सामग्री में सबसे दिलचस्प सामग्री (Item) ‘पोस्टकार्ड’ है, जिनका मूल्य सबसे न्यूनतम है, जो पूरी दुनिया में लगभग एक सा ही है तथा जिसके वितरण पर किसी डाक विभाग को खर्च 10 गुना तो अवश्य आता है.
दुनिया का पहला पोस्टकार्ड पहली अक्टूबर 1869 को निकला था, जो पीले कार्ड के रूप में था, जो अब भी कमोबेश ऐसे ही है, तथापि कालांतर में अन्य रंगों के पोस्टकार्ड भी प्रकाशित हुए. मेरे परिवार से 2 सदस्य डाक कर्मी रहे हैं और ‘अहर्निश सेवामहे:’ सूक्त में लीन रहे हैं.
मेरे पिताजी डाककर्मी रहे हैं, उनके पास अनेक टाइप और मूल्य के डाक-टिकटें और पोस्टकार्ड तथा लिफ़ाफ़े उपलब्ध हैं, जो रिकार्ड्स के लिए लगे हैं. इस विश्व डाक दिवस पर पिताजी और समस्त डाक कर्मियों को सादर शुभकामनाएं!
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