कॉक्स बाजार. रोहिंग्या मुसलमानों का म्यांमार से भागना अभी भी जारी है और ऐसे में उन्हें अपनी जान को जोखिम में डालकर पलायन करना पड़ा रहा है. बच्चों सहित बड़ी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर आ रही एक नौका के डूब जाने से कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई तथा बड़ी संख्या में लोग लापता हैं.
म्यांमार के रखाइन प्रांत से भाग रहे रोहिंग्या समुदाय के लोगों के साथ यह ताजा हादसा है. तटरक्षक और सीमा रक्षक बल के अधिकारियों ने कहा कि हादसा रविवार रात करीब 10 बजे म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा को अलग करने वाली नाफ नदी में हुआ. नाव पर करीब 100 लोग सवार थे.
बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के अधिकारी अब्दुल जलील ने बताया कि पूरी रात चले अभियान के बाद 12 शव निकाले गये हैं. इनमें 10 बच्चे, एक बुजुर्ग महिला और एक पुरुष का शव है.
क्षेत्र के तटरक्षक कमांडर अलाउद्दीन नयन ने कहा कि तटवर्ती गांव गालचर के पास डूबी इस नौका पर करीब 100 लोग सवार थे. उन्होंने कहा कि नाव में करीब 40 वयस्क पुरुष थे. बाकी सभी बच्चे थे.
जलील ने बताया कि तटरक्षकों ने तीन महिलाओं और दो बच्चों सहित 13 रोहिंग्याओं को सुरक्षित बचा लिया. उन्होंने कहा कि चूंकि नाव म्यांमार की सीमा के पास डूबी, इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ लोग तैरकर उस पार चले गये होंगे.
रोहिंग्या मुसलमानों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा शरणार्थी कैंप
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी कैंप बनाने पर काम कर रहा है. इस कैंप में लगभग 8 लाख रोहिंग्या मुसलमानों को जगह दी जा सकेगी. यह कैंप म्यांमार सीमा के पास ही कुतुपलोंग में बनाया जा रहा है. अभी तक के आंकड़ों के मानें, तो अभी तक 4 लाख रोहिंग्या बांग्लादेश में शरण ले चुके हैं.
रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ की आशंका के चलते भारत- बांग्लादेश सीमा के 140 पॉइंट पर अलर्ट बढ़ाया दिया गया है. भारत और बांग्लादेश के सीमा सुरक्षा बलों की 6 दिवसीय कॉन्फ्रेंस दिल्ली में बीते शुक्रवार को संपन्न हुई.
इस मौके पर बांग्लादेश की बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश यानी बीजीबी और भारत की बॉर्डर गार्डिंग फ़ोर्स बीएसएफ़ के डीजी ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें बांग्लादेश से भारत मे आने वाले रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा भी शामिल था.
पिछले कुछ दिनों में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिनमें रोहिंग्या मुसलमानों ने बांग्लादेश से भारत की सीमा में दाखिल होने की कोशिश की है. ये घटनाएं त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में सामने आई हैं, लेकिन बॉर्डर पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने उन्हें वापस बांग्लादेश की सीमा में भेज दिया है.