जबलपुर. कलेक्टर महेशचन्द्र चौधरी ने 20 वर्ष की सेवा या 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके काम के प्रति लापरवाह पटवारी और राजस्व निरीक्षकों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्यवाही के सम्बन्ध में पहल किए जाने के निर्देश दिए हैं. इस सिलसिले में तहसीलदार एक सप्ताह में प्रस्ताव तैयार करेंगे. सभी एसडीएम और तहसीलदारों को स्क्रूटिनी की कार्यवाही को अंजाम देने को कहा गया है. कलेक्टर ने भ्रष्टाचार के मामलों में विभागीय जांच कर दोषी पाए जाने पर सेवा से बर्खास्तगी की कार्यवाही के भी निर्देश दिए.
श्री चौधरी आज यहां राजस्व विभाग के काम-काज की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राजस्व-तंत्र को दुरूस्त करने की दिशा में ठोस पहल की जाए. मझौली क्षेत्र में नकल वितरण में नाकाम रहे पटवारियों की एक-एक वेतन-वृद्धि रोके जाने के निर्देश सम्बन्धित तहसीलदार को दिए गए. श्री चौधरी ने नए सीमांकन प्रकरण आरसीएमएस में दर्ज नहीं किए जाने को लेकर तहसीलदारों से जवाब मांगा. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपने दायित्वों के प्रति गंभीर नहीं हैं.
उन्होंने कलेक्ट्रेट की विभिन्न शाखाओं के प्रभारी अधिकारियों को नसीहत दी कि वे फील्ड में पदस्थ राजस्व अधिकारियों के पत्रों व उनके द्वारा दी जाने वाली सूचनाओं को गंभीरता से लें और अपेक्षित कार्यवाही सुनिश्चित करें. कलेक्टर ने आरसीएमएस में अविवादित नामान्तरण दर्ज नहीं होने के बारे में भी स्पष्टीकरण मांगा.
श्री चौधरी ने कहा कि सभी पुरानी नामान्तरण पंजियां जमा कराई जाएं. साथ ही निर्देश दिए कि 15 अक्टूबर तक नई पंजियों का हल्का पटवारियों को वितरण सुनिश्चित करें. नई नामान्तरण पंजी के बारे में पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों का प्रशिक्षण आयोजित किया जाए.
अविवादित नामांतरण या बंटवारा लंबित तो अफसर पर एक लाख जुर्माना
कलेक्टर श्री चौधरी ने अविवादित नामान्तरण या बंटवारा लम्बित पाए जाने पर सम्बन्धित अधिकारी पर एक लाख रूपए के जुर्माने के प्रावधान का जिक्र करते हुए कहा कि अविवादित नामान्तरण के प्रकरण सम्बन्धी कोई भी आवेदन लम्बित न रखा जाए. इस सिलसिले में उन्होंने तहसीलदारों से ब्यौरा भी तलब किया. तहसीलदारों को निर्देशित किया गया कि वे अविवादित नामान्तरण का कोई भी प्रकरण लम्बित नहीं रहने सम्बन्धी घोषणा की दिशा में पहल करें.
श्री चौधरी ने कहा कि नामान्तरण या बंटवारे के बाद अद्यतनीकरण की कार्यवाही के बारे में भी तत्परता बरती जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी तहसीलदार अक्टूबर माह में अभियान के रूप में अविवादित नामान्तरण और बंटवारे के प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर के बाद ऐसे लम्बित मामले सामने आने पर सम्बन्धित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी और निर्धारित अर्थदण्ड आरोपित किया जाएगा.
फील्ड से हटाए जाएंगे काम नहीं करने वाले
कलेक्टर ने जबलपुर जिला पंजीयक प्रभाकर चतुर्वेदी को निर्देश दिए कि वे समस्त रजिस्ट्री की जानकारी तहसीलदार को उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि भूमि के अंतरण की सूचना डीआर से हासिल कर मिलान किया जाए कि नामान्तरण हुए हैं या नहीं. तहसीलदार स्वयं समीक्षा करें और आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें. कलेक्टर ने साफ शब्दों में कहा कि काम नहीं करने वाले राजस्व अधिकारियों को फील्ड से हटाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के कामकाज पर शासन की कड़ी नजर है. यदि राजस्व अधिकारी किसी भी गड़बड़ी में लिप्त होते हैं तो उनका मुश्किल में पड़ना तय है. श्री चौधरी ने एसडीएम और तहसीलदारों को सचेत किया कि वे भ्रष्ट आचरण के विरूद्ध कार्यवाही के बारे में जारी की गई गाइड लाइन के प्रावधानों के बारे में सजग रहें. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अधीनस्थ राजस्वकर्मी रिश्वत लेने से पूरी तरह परहेज रखें. उन्होंने कहा कि महकमे में नीचे से ऊपर तक यह संदेश जाना चाहिए कि भ्रष्ट आचरण में लिप्त कोई भी कर्मचारी या अधिकारी बख्शा नहीं जाएगा.
तहसीलवार राजस्व वसूली की समीक्षा
बैठक में श्री चौधरी ने तहसीलवार राजस्व वसूली की भी समीक्षा की. उन्होंने निर्धारित लक्ष्य की तुलना में मौजूदा वसूली को नाकाफी बताया. खासतौर पर जबलपुर के शहरी क्षेत्रों के तहसीलदारों को वसूली पर अधिक ध्यान देने को कहा गया. कलेक्टर ने कहा कि तहसीलदार व नायब तहसीलदार वसूली में इजाफे के लिए फौरन कदम उठाएं. इस सिलसिले में सिहोरा, मझौली, पाटन, पनागर, जबलपुर और कुण्डम के तहसीलदारों को खराब परफॉर्मेंस के लिए नोटिस जारी किए जाने के निर्देश दिए गए.
ओमती और कोतवाली क्षेत्र के एसडीएम व तहसीलदारों को भी इस बारे में सचेत किया गया. कलेक्टर ने कहा कि वसूली कार्य के दौरान राजस्व अधिकारी डराने-धमकाने से पूरी तरह परहेज रखें और अपना व्यवहार अच्छा रखें. लोगों को सम्मानजनक ढंग से और सद्भावपूर्वक प्रेरित कर वसूली की कार्यवाही को अंजाम दिया जाए. श्री चौधरी ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों के लिए वसूली के लक्ष्य भी निर्धारित किए.
मुआवजे के निर्धारण में कंजूसी नहीं बरतें
कलेक्टर ने भू-अर्जन से सम्बन्धित मामलों के सम्बन्ध में एसडीएम कुण्डम को सचेत रहने को कहा. उन्होंने कहा कि मुआवजे के निर्धारण में कृपणता नहीं बरती जानी चाहिए. श्री चौधरी ने हाइवे निर्माण से जुड़े भू-अर्जन के सिलसिले में सम्बन्धित अनुविभागीय अधिकारियों को एनएचएआई के अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए पाबंद किया.
श्री चौधरी ने राजस्व प्रशासन से जुड़े 11 बिंदुओं की ओर विशेष ध्यान दिए जाने तथा इनके अनुरूप कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने तहसीलों को सुंदर और सुव्यवस्थित स्वरूप में लाने के लिए सम्बन्धित तहसीलदारों को पहल करने को कहा. भावान्तर योजना से अधिकाधिक किसानों का लाभान्वित होना सुनिश्चित करने के लिए राजस्व अधिकारियों को योजनान्तर्गत अधिकाधिक किसानों का पंजीयन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए.
बैठक में अपर कलेक्टर छोटे सिंह, आनंद कोपरिहा एवं संजना जैन तथा जबलपुर जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार मौजूद थे.