Population Density – जनसँख्या घनत्व किसी भी देश या भूभाग के प्रति किलोमीटर स्क्वायर में कितने लोग रहते हैं, उसका अनुपात (Ratio) होता है. 2017 की विश्व की गणना के अनुसार भारत का जनसँख्या घनत्व है 442. मतलब की प्रति किमी स्क्वायर पर 442 लोग रहते हैं.
वहीँ पाकिस्तान में 260, चीन में 144, जॉर्डन में 112, क़तर 115, अज़रबेजान 117, UAE में 118, उज्बेकिस्तान में 72, ब्रूनेई में 68, यमन में 62, तुर्कमेनिस्तान में 28, अल्जीरिया में 22 और सऊदी अरब में मात्र 16.
अगर विश्व में प्रति व्यक्ति आय (PCI – Per Capita Income) की बात करें तो ये सभी देश भारत के PCI से कहीं ज्यादा आगे हैं… इसका मतलब हुआ क़ि इन देशों के लोग ज्यादा जमीन में अधिक पैसे के साथ मज़े में रहते हैं… सऊदी अरब तो इस्लाम का पाक और पूज्य देश भी है.
हमारे यहाँ के पूर्व उप राष्ट्रपति भी ये बता चुके है कि भारत में मुसलमानों की हालत ख़राब है और वो असुरक्षित हैं… अब इतना बड़ा आदमी कह रहा है तो सही ही कह रहा होगा…
इन सारे आकंड़ों को मिला दिया जाए तो म्यांमार से भारत की तरफ रुख करने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को ऐसे देश नहीं आना चाहिए जहाँ के लाखों करोड़ों नागरिक गरीब हैं और खुद ही बिना छत के हैं, भूमिहीन हैं और हर मौसम में रात फुटपाथ से लेकर पुलों के नीचे या फिर पीपों में गुजारते हों.
हमारे देश के सभ्य नागरिकों, जैसे मृणाल पांडेय, विनोद दुआ, र-विष कुमार, प्रशांत भूषण… अनेकों वामपंथी और JNU आदि जैसे संस्थाओं के चिंतन से पैदा हुए बुद्धिजीवी क्यों नहीं इन रोहिंग्या मुसलमानों के लिए इन देशों में जगह, रोज़गार और रिश्तेदारी का सम्बन्ध बनाने की मांग करते हैं.
क्या ये सभी बुद्धिजीवी इस्लामी बिरादरी और गरीब रोहिंग्या मुसलमानों के विरोधी हैं जो ये इन देशों पर अपना प्रभाव नहीं डाल पा रहे…
भारत के मुसलमान बुद्धिजीवी, मौलाना और फलाने ढिकाने क्यों इन अमीर और लाखों किलोमीटर खाली ज़मीन के मालिक देशों पर दबाव नहीं डालते कि म्यांमार के विस्थापित मुसलमान बंधुओं को उधर शरण दे. सऊदी अरब और पाकिस्तान तो पूरे इस्लामी दुनिया का ठेकेदार हैं…. ठेकेदारी ली है तो निभाई जानी चाहिए…
और हाँ देश में स्वच्छ भारत अभियान ज़ोरों पर चल रहा है… हम कचरा नहीं ले रहे हैं और कचरा बाहर फेंकने का काम भी चल रहा है…