मितरों और मितरानियों
कल से ट्रेन में था ।
आज सुबह सो के उठा तो देखा कि सारी ids बंद हैं ।
दो तीन साल पहले जो posts लिखी थीं वो खोज खोज के हटा रहा है fb और id 30 दिन के लिए block…
घंटा भर पहले नई id बनाई थी ।
एक घंटे के अंदर उसमे 2500 से ज़्यादा friends हो गए थे ।
फिर अचानक नई id भी बंद कर दी गयी ।
ये मेरे मौलिक अधिकारों का हनन है ।
मेरी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पे कुठाराघात है ।
मुझे अपनी बात कहने से रोका जा रहा है ।
मेरा गला घोंटा जा रहा है ।
But you can’t stop me.
मैं एक विचार हूँ । और आप विचार को नही मार सकते ।
मैं रक्त बीज हूँ ।
मेरे ख़ून के एक एक क़तरे से एक हज़ार अजित सिंह पैदा होंगे ।
रोक सको तो रोक लो …………
(अजित सिंह एक प्रखर राष्ट्रवादी और सोशल मीडिया की एक जानी मानी हस्ती है. उनके लेखन से खार खाए उनके विरोधियों ने उनकी सारी फेसबुक आईडीज़ को रिपोर्ट कर दिया है. यूं विरोधियों का एक व्यक्ति के लिए एकजुट हो जाना खतरे की घंटी है. जब वो एक व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे तो हम सब लोगों के प्रति विरोधियों की क्या भावना होगी आप खुद समझ सकते हैं.)