नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को विदेश जाने की अनुमति नहीं दी. कार्ति के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं संबंधी मामले को लेकर लुक आउट सर्कुलर जारी है. यह मामला सीबीआई द्वारा 15 मई को दर्ज प्राथमिकी से संबंधित है.
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि कार्ति ने अपने कई विदेशी खातों को बंद कर दिया. सीबीआई के मुताबिक जब लुकआउट सर्कुलर जारी होने से पहले ही कार्ति विदेश गए और उन खातों में जमा पैसों को ट्रांसफर कर दिया. सुप्रीम कोर्ट को सीबीआई ने यह भी बताया कि जांच के दौरान अनेक मुद्दे सामने आए और अभी कई अन्य सामने आने की उम्मीद है.
सुप्रीम कोर्ट कार्ति के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले से संबंधित एक प्रकरण की सुनवाई कर रहा है. कार्ति चिदंबरम के खिलाफ यह मामला सीबीआई द्वारा 15 मई को दर्ज प्राथमिकी से संबंधित है. इस मामले में आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया को 2007 में विदेश से 305 करोड़ रुपए प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी में अनियमितताएं हुईं. यह मंजूरी दिए जाने के समय काग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए. एम. खानविलकर और जस्टिस धनन्जय वाई. चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ के सामने सीबीआई अपनी जांच से संबंधित दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में पेश करना चाहती थी, जिसका कार्ति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने विरोध किया.
सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कार्ति ने विदेश में जो भी किया वह इस सीलबंद लिफाफे का हिस्सा है. सिब्बल ने लगातार तुषार मेहता के इस कथन का विरोध किया कि जांच एजेंसी को सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज पेश करने की अनुमति दी जाए.
इस पर मेहता ने सीलबंद लिफाफे में संलग्न दस्तावेजों के अंशों के बारे में संक्षिप्त में पीठ को बताया. उन्होंने कहा, ‘कार्ति ने (पूछताछ के दौरान) बताया था कि विदेश में उनका सिर्फ एक बैंक खाता है. परंतु जब वह विदेश गये तो उन्होंने अनेक बैंक खातों को बंद कर दिया. मैं यह सब नहीं बताना चाहता था क्योंकि इससे वह शर्मिंदा होते परंतु मुझे ऐसा करने के लिए बाध्य कर दिया गया.’