बात पिछले वर्ष की है, उत्तरप्रदेश के हाथरस में जातिगत आरक्षण को मुँह तोड़ जवाब दिया एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने जिनका नाम वीरेंद्र पुरी है.
उन्होंने सभी छात्रों को GENERAL और OBC/SC/ST जैसेकि सरकार ने जातिगत आरक्षण में बाँटा है ठीक उसी प्रकार A B C D कक्षाओ में बाँट दिया.
और ऐसे ही शिक्षकों को जैसे जनरल छात्रों को जनरल शिक्षक, ओबीसी को ओबीसी और SC को SC के शिक्षक और ST को ST के शिक्षक पढ़ाएंगे.
इस फार्मूले को वीरेन्द्र पुरी जी ने खोजा इसलिए इसे चाणक्य फार्मूला कहा गया. लेकिन दुर्भाग्य यह है कि इस फ़ॉर्मूले के कारण प्रिंसिपल को स्कूल से सस्पेंड कर दिया गया.
आरक्षण के विरोधी इस फ़ॉर्मूले के समर्थन में हैं. इसे पूरे देश में लागू होना चाहिए. आपकी क्या राय है? जरूर बताएं, आखिर पोल तो खुले इस आरक्षण की.
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