रक्षाबंधन का नेग : सोशल मीडिया की दुनिया, आभासी नहीं, आभा-सी है

रक्षाबंधन पर फेसबुक पर उपस्थित अठ्ठाइस बहनों की राखी मिली. तब से तकरीबन पच्चीस दिन हो गये उन बहनों को नेग क्या दूं विचारते विचारते पर किसी निष्कर्ष पर ना पहुंच सका. दो चार बहनों से एकाउंट नंबर भी मांगा पर उन्होंने स्पष्ट इंकार कर दिया. अब राखी बांधी है तो नेग देने का फर्ज निभाना ही है पर उसका रूप क्या हो यह समझ नहीं आ रहा था.

आज दोपहर दो बच्चियां अपनी बुआ के साथ क्लीनिक पर आईं. कितना भी दर्द हो तकलीफ हो बच्चे अपने चेहरे की चपलता बरकरार रखते हैं पर ये दोनो शांत शून्य को निहारती बैठी रहीं. कई बार पूछने पर अपनी नासाज तबीयत का जिक्र कर पाईं.

मैंने उनकी बुआ से पूछा क्या ये घर में भी इतना कम बोलती हैं और शांत रहती हैं.

नहीं नहीं दोनो बहुत नटखट थीं पर जन्माष्टमी वाले दिन इनके पापा की डेथ हो गई तब से ही गुमसुम हैं.

अरे ऐसा कैसे हुआ?

कुछ नहीं डाक्टर साब इनके पापा सुबह खेत में मजदूरी करने गये थे वहां ग्यारह हजार वोल्ट का हाईटेंशन बिजली का तार टूटा पड़ा था उसी में फंस कर गिर गये और फिर ना उठ सके.

अरे बहुत अफसोस हुआ जानकर यह बताओ घर में अब कोई कमाने बाला है?

अब कोई नहीं है इनका बड़ा भाई बारह साल का है और एक छोटी बहन दो साल की है इनके अलावा इनकी मां ही है घर में.

बच्चों की ननिहाल में कौन कौन है?

इनके बूढ़े नाना नानी ही हैं बस मामा एक भी नहीं है जो मदद कर सकता.

मन द्रवित हो गया बच्चियों की हालत देख कर साथ ही तुरंत निर्णय लिया दोनो की फीस वापस कर दी और अपनी डिस्पेंसरी से दवायें भी फ्री दे दीं. साथ ही बड़ी वाली बच्ची प्रियांशी को Komal तेरी फोटो Facebook खोल कर दिखाई और कहा देखो ये बाली दीदी ने तुम्हारी दवा के रुपये दिये हैं.

छोटी वाली बच्ची दिव्यांशी को प्रज्ञा तेरी फोटो दिखा कर कहा ये वाली दीदी ने तेरे इलाज के पैसे मुझको भेज दिये हैं. दोनों ने जी भर कर तुम दोनों की फोटो को देखा और प्यार से छोटी छोटी उंगलियां भी चेहरे पर फिराईं. शायद उन्हें महसूस सा भी हुआ कि अब वह इस दुनिया में अकेली नहीं हैं उनकी दीदियां उनके साथ हैं.

Ajita Anuja तुम्हारा नेग भी उस दो साल की बच्ची जो क्लीनिक पर तो नहीं आई शायद अपनी आंसू बहाती मां की गोद में बैठी हो उसको समर्पित करता हूं.

और Anu तुम्हारा भी इस साल का नेग उस मासूम बारह साल के बच्चे के लिये जिसके कमजोर कंधो पर पूरे परिवार की परिवरिश का बोझ आन पड़ा है.

नेग के रूप में मैं इन चारों बच्चों का एक साल तक निशुल्क इलाज करुंगा दवाओं सहित. अगले साल जब आप चारों की राखी मिलेगी तब ये एग्रीमेंट रिन्यू हो जायेगा अगले एक साल के लिये.

अभी चौबीस बहनों का नेग बकाया है जैसे जैसे मुझे उचित पात्र मिलते जायेंगे मैं उन सबको पोस्ट, मैसेज या व्हाट्सऐप से सूचित करता रहूंगा.

दो बहनों Kumud Saksena व Madhu Sinha का नेग तो मैं बचपन से इनको बिना बताये ऐसे ही देता रहा हूं आज इनको विस्त्रित जानकारी से अवगत करा रहा हूं.

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