कोई बताएगा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने क्या योगदान दिया स्वाधीनता संग्राम में? RSS का कुत्ता भी गया था क्या आज़ादी के आंदोलन में? हाथ पे हाथ धरे बैठे रहे थे, बात करते हैं… अंग्रेज़ो के पिट्ठू थे संघी, कोई एक RSS वाला जेल गया हो तो बताओ? किसी संघी ने एक लाठी खाई हो तो बताओ, किसी एक RSS वाले को गोली लगी हो तो बताओ? अरे अंग्रेज़ों के जासूस थे संघी… ऐसी कई बातें आपको कांग्रेसियों के मुँह से सुनने को मिल जाएंगी.
तो आइए अंग्रेज़ों के असली जासूसों के दलालों यानी कांग्रेसियों को मुँह तोड़ जवाब देते हैं.
[संघ की पोल खोल भाग-1 : First Hand Experience]
चतुर बनिया उर्फ गांधी वाकई चतुर था. उसने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले सभी दलों और संगठनों से कह दिया था कि हिस्सा तो वे ले सकते हैं पर शर्त ये है कि झंडा बैनर कांग्रेस का ही होगा. यानी काम आप करोगे और नाम मेरा होगा. अब क्योंकि देश की आज़ादी का सवाल था तो सब निश्छल भाव से तैयार हो गए. उन्हें गांधी की चाल समझ में ही नहीं आई, जिन्हें आयी भी वे भी देश की खातिर साथ चल दिये.
1. RSS और संघियों ने 1921 में असहयोग आंदोलन में भाग लिया था लेकिन झंडा और बैनर शर्त अनुसार कांग्रेस का था, इसमें संघ के संस्थापक डॉ बलिराम हेडगेवार को जेल की सज़ा हुई थी.
[संघ की पोल खोल भाग-2 : संघ में जातिवाद]
2. RSS और संघियों ने 1930 में सत्याग्रह आंदोलन में भाग लिया था लेकिन झंडा और बैनर शर्त अनुसार कांग्रेस का था और इस बार भी संघ के संस्थापक डॉ बलिराम हेडगेवार को जेल की सज़ा हुई थी.
3. RSS और संघियों ने 1930 के सत्याग्रह आंदोलन में भाग लिया था और इसमें हज़ारों स्वयंसेवकों के साथ संघ के नंबर 2 माने जाने वाले श्री अप्पा जी जोशी भी जेल गए थे.
[संघ की पोल खोल भाग-3 : कम्युनल संघ]
4. RSS संस्थापक डॉ बलिराम हेडगेवार को लगातार ब्रिटिश सरकार विरोधी आंदोलनों में भाग लेने की वजह से जज समेली द्वारा 21 अगस्त 1921 को एक वर्ष की सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई थी, उन्हें 12 जुलाई 1922 को रिहा किया गया था.
5. 1936 में एक 10 वर्ष की आयु वाले लड़के बी.एम. देव ने बतौर स्वयंसेवक RSS जॉइन की, 1942 में 16 वर्ष की आयु में वे संघ के पदाधिकारी थे, सन् 1942 में ही आज़ादी के आंदोलन में भाग लेने पर अंग्रेज़ों ने इनके सीने पर गोली मारी थी.
[संघ की पोल खोल भाग-4 : संघ प्रचारकों का पर्दाफाश]
चुन्नू-मुन्नुओं, आपने एक उदाहरण मांग, RSS के कुत्ते का मांगा था, लाठी खाने का मांगा था, जेल जाने का मांगा था, मैंने आपको कुत्ते नहीं इंसानों के सबूत दे दिए, RSS कार्यकर्ता नहीं खुद RSS संस्थापक डॉ हेगड़ेवार के सबूत दे दिए, RSS के नंबर 2 पदाधिकारी श्री अप्पा जी जोशी का भी सबूत द्दे दिया, लाठी नहीं सीने पर गोली खाने वाले संघ के पदाधिकारियों के सबूत दे दिए.
[संघ की पोल खोल भाग-5 : स्वाधीनता संग्राम और संघ का योगदान]
अब आप भी मेरे मुँह कर सबूत मार कर मेरा थोबड़ा सुजा दो, बता दो कि फलां-फलां तारीख को नेहरू ने सीने पर गोली खाई थी, बता दो कि कब गांधी ने अंग्रेज़ो की लाठी और गोली खाई थी. आए बड़े, हुँह… अरे अपने चमचों और जासूसों को भी कोई मारता है भला?
[संघ की पोल खोल भाग-6 : आज़ादी का आंदोलन और गद्दार संघ]
चलो कांग्रेसियों आपके लिए एक चैलेंज है, बताओ 16 अगस्त क्यों खास है? क्या हुआ था इस दिन?