इस लेख के साथ प्रस्तुत वीडियो इस सच्चाई का पुख्ता साक्ष्य है कि देश का न्यूज़-चैनली मीडिया घोर साम्प्रदायिक, कट्टर मुस्लिम परस्त और हिन्दू विरोधी, भाजपा विरोधी, नरेन्द्र मोदी विरोधी है.
पंचकूला में हुई हिंसा के बाद कल शाम से ही न्यूज़ चैनलों द्वारा मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ ज़हरबुझी आग उगली जा रही है. मुख्यमंत्री खट्टर के इस्तीफ़े की मांग को लेकर न्यूज़ चैनल तांडव कर रहे हैं.
इनके इसी आचरण ने उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया है, क्योंकि 11 अगस्त 2012 को ऐसी ही हिंसा मुम्बई के आज़ाद मैदान में हुई थी. उस समय उस घटना पर यही न्यूज़ चैनल किस तरह का आचरण कर रहे थे इसका ज्वलन्त उदाहरण है यह वीडियो.
इस पूरे वीडियो में आपको महाराष्ट्र की तत्कालीन सरकार, उसके मुख्यमंत्री, उसके गृहमंत्री, तत्कालीन प्रधानमंत्री से इस्तीफ़े की मांग तो छोड़िए, उनके खिलाफ एक शब्द तक सुनने को नहीं मिलेगा.
हद तो यह है कि जिस अबू आज़मी की उपस्थिति में हिंसा हुई, उससे कितने अदब और विनम्रता से बात कर रहे हैं एंकर, रिपोर्टर और एडिटर, साथ ही साथ ये लोग दंगाइयों के खिलाफ बोलने में भी भाषा का बहुत ध्यान रख रहे है.
जबकि अबू आज़मी खुलकर मीडिया वालों की पिटाई को जायज़ ठहरा रहा है. इस वीडियो में आपको यह स्पष्ट दिखेगा.
ये वही लोग हैं जो कल शाम से देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, हरियाणा के मुख्यमंत्री के खिलाफ अभद्र, अशालीन टिप्पणियों की बौछार कर रहे हैं. यह दोगलापन क्यों?
क्या इसलिए क्योंकि मुम्बई के दंगाई मुसलमान थे और पंचकूला के दंगाई हिन्दू? यह दोगलापन क्या इसलिए क्योंकि मुम्बई (महाराष्ट्र) में तब कांग्रेस की सरकार थी जबकि आज हरियाणा में भाजपा की सरकार है? यह वीडियो देखने के बाद तो सन्देह की कोई संभावना बाकी नहीं रहती.