कहते हो कश्मीर तुम्हारा, तो फिर सरला किसकी बेटी थी?
यह रचना मेरी कश्मीर की तमाम बहन- बेटियों को समर्पित हैं जिन्होंने अपना बलिदान दिया. साथ ही तमाम पीड़ित कश्मीरी पंडित भाइयों को. इस रचना को लिखते वक्त मेरी आँखें अनवरत झर रही थी. काफी देर तक मैं रोता रहा. लाख कोशिशों के बाद भी अभी भी मैं इस कविता के प्रभाव से उबर नहीं … Continue reading कहते हो कश्मीर तुम्हारा, तो फिर सरला किसकी बेटी थी?
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