जेटली का दावा, नोटबंदी के बाद से पैसों को तरस रहे अलगाववादी और माओवादी

मुंबई. केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने दावा किया है कि नोटबंदी की वजह से देश के तमाम हिस्सों में माओवादियों और जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों को ‘पैसे की किल्लत’ हो गई है. उन्होंने कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी में हिस्सा लेने वाले प्रदर्शनकारियों की संख्या कम हुई है.

रविवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री एवं रक्षा मंत्री जेटली ने कहा, ‘नोटबंदी से पहले कश्मीर की सड़कों पर हजारों की संख्या में पत्थरबाज इकट्ठे होते थे लेकिन अब ऐसे प्रदर्शनों में 25 पत्थरबाज भी शामिल नहीं होते.’ उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी के बाद जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में माओवादियों को पैसे की किल्लत हो गई है.’

अरुण जेटली मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष आशीष शेलार की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने ‘नव भारत प्रण’ विषय पर बोला. इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे.

नवंबर 2016 में एक हज़ार व पांच सौ रुपए मूल्य के नोटों को अमान्य करने के फायदों को बताते हुए जेटली ने कहा कि पहले जो धन अर्थव्यवस्था के बाहर समानांतर ढंग से चल रहा था, वह औपचारिक बैंकिग सिस्टम में आ गया. ‘न्यू इंडिया’ के बीजेपी के स्वप्न पर उन्होंने कहा, ‘हम रक्षा, ग्रामीण विकास और इन्फ्रस्ट्रक्चर पर खर्च करना चाहते हैं.’

जेटली ने कहा, ‘हमारे पास विश्वस्तरीय सार्वजनिक संस्थान होने चाहिए ताकि गोरखपुर त्रासदी जैसी शर्मनाक घटनाएं न हों.’ वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार 7-7.5 प्रतिशत के विकास दर से संतुष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि विकास दर को रफ्तार देने के लिए सरकार देश हित में सख्त फैसले लेती रहेगी, जैसा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद अब तक लिया गया है.

जेटली ने केंद्र की सत्ता में 3 साल पूरा कर चुकी बीजेपी की अगुआई वाली सरकार की तमाम उपलब्धियों को गिनाया. उन्होंने जीएसटी लागू करने, नोटबंदी, दिवालियापन पर नया कानून, बेनामी लेन-देन से जुड़े कानूनों में संशोधन, स्पेक्ट्रम और प्राकृतिक संसाधनों के ईमानदारी से आवंटनों और तमाम देशों के साथ दोहरे कराधान को रोकने के लिए किए समझौतों का मोदी सरकार की उपलब्धियों के रूप में जिक्र किया.

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