एक मित्र ने प्रश्न किया – अजित सर, बच्चे पढ़ना ही नही चाहते हैं. हम लगातार प्रयास करें तो भी वो किताबों को हाथ नहीं लगाते सिर्फ मोबाइल चलाना, कंप्यूटर चलाना और टीवी देखना ही जीवन का उद्देश्य हो उन बच्चों को कैसे पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाए?
आज की दुनिया में Parenting का ये सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न है. बच्चे पढ़ना ही नहीं चाहते.
वैसे आप उन्हें पढ़ाना क्या चाहते हैं? वही boring स्कूल की किताबें? आप की निगाह में पढ़ाई क्या है? बच्चा अपनी Copy किताब उठाये और सवालों के जवाब रटना शुरू कर दे? या फिर कहीं से टीप के कुछ लिखना शुरू कर दे. या फिर कुछ भी न करे तो सिर्फ आपको खुश करने के लिए खाली किताब ले के बैठ जाये और शून्य में ताकता रहे. ये दृश्य देख के हिंदुस्तानी माँ बाप को तो चरम आनंद की अनुभूति होती है.
कभी सोचा है कि बच्चे आखिर पढ़ना क्यों नही चाहते? आपको हर रोज़ नया अखबार क्यों चाहिए? साल भर एक ही अखबार पढ़ो न? साल भर एक ही किताब, वही घिसा पिटा syllabus, वही धरती पे बोझ नुमा teachers जो कि बहुत मज़बूरी में खुद teachers हुए हैं , वो जो teacher कभी नहीं बनना चाहते थे, जिन्हें बदकिस्मती यहां ले आयी है. वही हर हफ्ते एक Test, वही रटंत विद्या, कौन पढ़ना चाहेगा?
कभी सोचा है कि हमारे Schools हमारा पूरा Curriculum इतना boring क्यों है? बच्चे TV के पीछे क्यों भागते हैं? क्योंकि TV interesting है. कभी सोचा है कि बच्चों को 3 लाइन का answer याद नहीं होता पर पूरा गाना या किसी Ad का Jingle क्यों याद हो जाता है?
वो गाना याद है? Kolaaveri Di…….. कितने अजीबोगरीब Lyrics थे? फिर भी हिंदुस्तान के बच्चे बच्चे की जुबान पर रटे हुए थे? हम अपनी पढ़ाई को आज तक इतनी ही मजेदार, इतनी interesting क्यों नहीं बना पाए?
बच्चे अगर कार्टून देखना पसंद करते हैं तो आखिर पूरा का पूरा syllabus एक Animation Film के रूप में क्यों नहीं पढ़ाया जा सकता. आज तक वही घिसी पिटी किताबें क्यों चल रही हैं? इतिहास, भूगोल और विज्ञान आखिर कार्टून फ़िल्म और Animation की मदद से क्यों नही पढ़ाया जा सकता?
आप मेरे लेख खोज खोज के क्यों पढ़ते हैं? मज़ेदार हैं इसलिए, प्रस्तुति अच्छी है इसलिये, आसानी से समझ आती है इसलिए, सहज सरल है इसलिए. शिक्षा भी जबतक मज़ेदार न होगी, कोई नहीं पढ़ेगा.
मैंने अपने छोटे बेटे को कभी स्कूल नहीं भेजा. बस पढ़ना लिखना सिखा दिया, गूगल पर पर, विकिपीडिया पर Search करना, पढ़ना सिखा दिया और अंग्रेज़ी फिल्म देखना सिखा दिया. फिर ये सिखा दिया कि फ़िल्म देखने से पहले और film के दौरान एक बार उसके बारे में wiki पे पढ़ लो तो ज़्यादा मज़ा आता है. फ़िल्म ज़्यादा अच्छे से समझ आती है. अब उसे पढ़ने का चस्का लग चुका है.
अपने बच्चे की पढ़ाई को मज़ेदार बनाइये. उसे खूब सारी story books, magazines, Comics, अखबार, Novels, साहित्य पढ़ने को दीजिये. पहले पढ़ने का चस्का लगाओ. एक वो दिन भी आएगा जब किताब हाथ से छीननी पड़ेगी. अबे खाना तो खा ले कायदे से, बाद में पढ़ लियो.
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